तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने कहा है कि उनकी सरकार कावेरी जल पर राज्य के अधिकार के लिए संघर्ष करती रहेगी क्योंकि यह डेल्टा जिलों के किसानों की जीवन रेखा है। चेन्नई में कल एक बयान में उन्होंने कहा कि राज्य के सिंचाई मंत्री दुरई मुरुगन के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल दिल्ली जा रहा है। यह प्रतिनिधि मंडल मेकेदातु में अंतर्राज्यीय नदी पर नए प्रस्तावित बांध निर्माण के लिए कर्नाटक को रोके जाने के लिये दिल्ली में केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के साथ मुलाकात करेगा । मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कर्नाटक का प्रस्तावित नया बांध बनाया जाना तमिलनाडु में नदी के जल प्रवाह को सीमित करने और तमिलनाडु को अपने निश्चित हिस्से का जल मिलने से रोके जाने एक और प्रयास होगा। कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष के बयान का उल्लेख करते हुए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने कहा कि कावेरी पर राज्य के अधिकार की लड़ाई सर्वोच्च न्यायालय में भी जारी रहेगी। प्राधिकरण के अध्यक्ष ने कहा था कि मेकेदातु परियोजना पर अगली बैठक में विचार किया जायेगा। श्री स्टालिन ने कहा कि यह मुद्दा सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष लम्बित है और नदी पर प्रस्तावित नई परियोजना पर प्राधिकरण द्वारा चर्चा करने को चुनौती दी गई है । विवादित परियोजना को अनुमति देने के लिए केन्द्र पर दबाव से सम्बन्धित कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के वक्तव्य का उल्लेख करते हुए श्री स्टालिन ने कहा कि केन्द्र को किसी दबाव में झुकना नहीं चाहिए और उसे संघीय सिद्धांतों का पालन करना चाहिए।
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