मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को कृषि भवन, नई दिल्ली में राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (एनएचबी) के निदेशक मंडल की 33वीं बैठक आयोजित हुई। बैठक में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर भी उपस्थित थे। फ्लैगशिप कार्यक्रमों की समीक्षा और रणनीति निर्धारण- बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एनएचबी की योजनाओं की समीक्षा की। विशेष रूप से वाणिज्यिक बागवानी विकास योजनाएं, कोल्ड-चेन अवसंरचना परियोजनाएं, क्लस्टर विकास कार्यक्रम (CDP)- क्षेत्र-विशिष्ट बागवानी क्लस्टरों के माध्यम से उत्पादकता और बाजार जुड़ाव को बढ़ाने की नई पहल, क्लीन प्लांट कार्यक्रम-उच्च मूल्य वाली फसलों के लिए रोग-मुक्त पौध सामग्री उपलब्ध कराने के बारे में चर्चा हुई। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने निर्देश दिया कि योजनाओं का क्रियान्वयन समयबद्ध, पारदर्शी और किसान-केंद्रित हो तथा किसानों को सब्सिडी भी समय पर दी जाएं, इस संबंध में कोई शिकायत नहीं आनी चाहिए। साथ ही, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने किसानों के हित में, जल्दी खराब होने वाले बागवानी उत्पादों के संबंध में विशेष रणनीति बनाने पर जोर दिया, ताकि इनकी सेल्फ लाइफ बढ़े, किसानों को नुकसान नहीं हो और नुकसान से बचने के लिए अवेयरनेस प्रोग्राम भी चलाए जाएं।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, एनएचबी की भूमिका सुदृढ़ करने के लिए मार्गदर्शन- बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने बागवानी क्षेत्र की उत्पादकता, गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने हेतु कई रणनीतिक सुझाव दिए। उन्होंने गुणवत्तापूर्ण पौध सामग्री, फसलोत्तर प्रबंधन, उत्पादकता वृद्धि पर विशेष ध्यान देने को कहा। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि पूरे समन्वय के साथ किसानों को बाजार, कोल्ड-चेन नेटवर्क और मूल्य संवर्धन के अवसरों से जोड़ने वाली व्यवस्था को सुदृढ़ करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि किसानों के फायदे के लिए एनएचबी राज्यवार, क्षेत्रवार रोडमैप बनाकर पूरी ताकत से श्रेष्ठ कार्य करें। तकनीकी प्रकाशनों का विमोचन- केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड द्वारा तैयार गुड एग्रीकल्चर प्रैक्टिस, जैविक खेती मॉडल और उन्नत बागवानी तकनीकों पर आधारित तकनीकी प्रकाशनों का विमोचन किया। ये संसाधन किसानों, उद्यमियों व कृषि विशेषज्ञों के लिए एक उपयोगी संदर्भ सामग्री सिद्ध होंगे। बैठक में केंद्रीय कृषि सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी, आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. मांगीलाल जाट सहित कृषि, विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, बागवानी उद्योग से जुड़े गैर-आधिकारिक सदस्य उपस्थित रहे। इस व्यापक प्रतिनिधित्व से बैठक में क्षेत्रीय दृष्टिकोण व सहभागी संवाद को बल मिला। राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अंतर्गत एक स्वायत्त संगठन है, जो देशभर में वाणिज्यिक बागवानी और कोल्ड-चेन अवसंरचना के सुदृढ़ विकास के लिए कार्यरत है।
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