मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने बिहार की सबसे बड़ी नदी-जोड़ों परियोजना – कोसी-मेची लिंक परियोजना – का हवाई सर्वेक्षण किया और परियोजना की प्रगति की समीक्षा की। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने कार्य स्थिति का आकलन करने के लिए कल सुपौल का दौरा किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बिहार में बाढ़ की समस्या का स्थायी समाधान खोजने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पूर्णिया दौरे से पहले जल शक्ति मंत्री बीरपुर पहुँचे और इस महत्वाकांक्षी परियोजना का हवाई सर्वेक्षण किया।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, केंद्रीय मंत्री ने बिहार के जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी के साथ कोसी बैराज, कोसी-मेची अंतरराज्यीय लिंक परियोजना, पश्चिमी कोसी नहर और बागमती तटबंध का हवाई निरीक्षण किया। सर्वेक्षण के बाद केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने कहा कि बिहार में विभिन्न विकास कार्यों के पूरा होने सहित कोसी से संबंधित कई परियोजनाएँ प्रगति पर हैं। कोसी-मेची लिंक परियोजना के तहत 76 किलोमीटर से अधिक लंबी नहर का निर्माण किया जाएगा। इसके पूरा होने पर कोसी नदी के अतिरिक्त जल को मेची नदी में मोड़ दिया जाएगा। इससे न केवल बाढ़ की समस्या का समाधान होगा, बल्कि दो लाख 14 हजार हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा भी मिलेगी। यह परियोजना सुपौल, सहरसा, मधुबनी, खगड़िया और कटिहार जिलों के लिए वरदान साबित होगी। इसके पूरा होने पर हर साल बाढ़ से प्रभावित लाखों परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी।
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