मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने उत्पादों के पुनः उपयोग और पुनर्चक्रण को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया है। आज नई दिल्ली में अपशिष्ट पुनर्चक्रण और जलवायु परिवर्तन 2025 पर 18वें सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने 2047 तक विकसित देश बनने के लिए संसाधनों की बर्बादी कम करने और संसाधन दक्षता को अधिकतम करने पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत की चक्रीय अर्थव्यवस्था का बाजार मूल्य वर्ष 2050 तक लगभग दो लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर होगा और यह अर्थव्यवस्था एक करोड़ रोजगार सृजित करेगी।
चक्रीय अर्थव्यवस्था एक आर्थिक मॉडल है जिसका उद्देश्य अपशिष्ट को नष्ट करना और पुनः उपयोग और संसाधन दक्षता के माध्यम से स्थिरता को बढ़ावा देना है।
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News & Image Source: newsonair.gov.in