मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने भविष्य के नेताओं के व्यक्तित्व को आकार देने में निरंतर सीखने, व्यक्तिगत आचरण और दार्शनिक सोच के महत्व पर जोर दिया है। आज नई दिल्ली के भारत मंडपम में स्कूल ऑफ अल्टीमेट लीडरशिप-सोल के लीडरशिप कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए, उन्होंने कहा कि नेतृत्व का मतलब केवल उच्च पद हासिल करना नहीं है, बल्कि जीवन भर लगातार सीखना, अभिव्यक्त करना और उत्कृष्टता हासिल करना है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कहा कि तेज़ी से बदलती दुनिया में व्यक्ति बाहरी घटनाओं और विचारों से आसानी से विचलित हो सकता है। हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि रोजमर्रा की जिंदगी की उथल-पुथल के बीच फोकस और शांति बनाए रखने के लिए नेताओं को तटस्थता और आत्म-नियंत्रण का अभ्यास करना चाहिए।
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