मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत असम के ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए ₹87.52 करोड़ की राशि जारी की है। यह राशि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अप्रतिबंधित अनुदान की पहली और दूसरी किश्तों के रोके गए हिस्से को दर्शाती है। यह धनराशि तीनों पात्र स्वायत्त जिला परिषदों – बोडोलैंड प्रादेशिक परिषद (बीटीसी), कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद (केएएसी) और दीमा हसाओ स्वायत्त परिषद (डीएचएसी) के लिए जारी की गई है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, भारत सरकार पंचायती राज मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय (पेयजल एवं स्वच्छता विभाग) के माध्यम से ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए राज्यों को पंद्रहवें वित्त वर्ष के अनुदान जारी करने की अनुशंसा करती है, जिसे वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किया जाता है। आवंटित अनुदान एक वित्तीय वर्ष में दो किश्तों में अनुशंसित और जारी किए जाते हैं। अप्रतिबंधित अनुदानों का उपयोग वेतन और अन्य स्थापना लागतों को छोड़कर ग्रामीण स्थानीय निकायों द्वारा संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची में निहित उनतीस विषयों के अंतर्गत स्थान-विशिष्ट आवश्यकताओं के लिए किया जाएगा। बद्ध अनुदानों का उपयोग बुनियादी सेवाओं के लिए किया जा सकता है, जिनमें शामिल हैं : (क) स्वच्छता और खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) स्थिति का रखरखाव, जिसमें घरेलू अपशिष्ट प्रबंधन एवं उपचार, विशेष रूप से मानव मल एवं मल कीचड़ प्रबंधन शामिल होना चाहिए; और (ख) पेयजल आपूर्ति, वर्षा जल संचयन और जल पुनर्चक्रण।
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