मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार , केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने माल व सेवा कर पर केंद्र और राज्यों के बीच किसी भी तरह के ‘टकराव’ से इनकार किया और कहा कि इस आर्थिक सुधार में संघीय ढांचे का सम्मान किया जाना चाहिए। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘‘बजट पर होने वाली हर बैठक में राजस्व चर्चा पर चर्चा आखिरी मुद्दा होता है। आपको लग सकता है कि मैं सच नहीं बोल रही हूं। मैं आपके सामने कड़वा सच रखना चाहती हूं। हां, हम राजस्व बढ़ाना चाहते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ कई चर्चाओं में राजस्व जुटाने का विषय सबसे अंत में आया। लेकिन करदाताओं के लिए अनुपालन को सरल, सहज और सुगम बनाना सबसे पहले आया।’’
जानकारी के लिए बता दें कि, उन्होंने कहा कि जीएसटी ढांचे में संघीय ढांचे का सम्मान किया जाना चाहिए ताकि केंद्र और राज्य दोनों कर आधार को व्यापक बनाने के अलावा विकास कार्यों को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम कर सकें। उन्होंने कहा, ‘‘हम इसी भावना के साथ काम कर रहे हैं।’’केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘‘जो लोग यह मानना चाहते हैं कि वित्त मंत्रियों की बैठक में असंगत बातें होती हैं, उनसे मैं कहना चाहूंगी कि यहां पर सबसे कम राजनीति होती है। हर वित्त मंत्री अच्छा राजस्व सृजन और कर आधार को व्यापक बनाना चाहता था।’’
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