केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल पर उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के दूसरे चरण को स्वीकृति दी

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केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल पर उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना को स्‍वीकृति दे दी है। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस मॉड्यूल में गीगा वाट पैमाने की विनिर्माण क्षमता प्राप्त करने के लिए यह स्‍वीकृति दी गई है। मीडिया की माने तो, ने कहा कि इसका उद्देश्य उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल के विनिर्माण के लिए पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करना सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर है। इस फैसले से नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में आयात पर निर्भरता कम होगी। साथ ही आत्‍मनिर्भर भारत अभियान को सुदृढता और रोजगार सर्जन में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि पूर्ण और आंशिक रूप से एकीकृत सोलर पीवी मॉड्यूल की प्रतिवर्ष लगभग 65 गीगा वाट विनिर्माण क्षमता स्थापित की जाएगी।
मीडिया सूत्रों के हवाले से सामने आई जानकारी के अनुसार, मंत्रिमंडल ने सेमीकंडक्‍टर और डिस्‍प्‍ले विनिर्माण व्‍यवस्‍था के विकास कार्यक्रम में संशोधन को भी स्‍वीकृति दी है। सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि टैक्‍नोलॉजी नोड में सेमीकंडक्‍टर फैब, कम्‍पाउण्‍ड सेमीकंडक्‍टर, पैकेजिंग और अन्‍य सेमीकंडक्‍टर सुविधाओं के लिए पचास प्रतिशत प्रोत्‍साहन राशि दी जाएगी। मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति को भी स्‍वीकृति दी। इस नीति का देश के लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक रैंकिंग में सुधार करने और वर्ष 2030 तक भारत को शीर्ष 25 देशों में शामिल करने का लक्ष्य है।

News Source :  newsonair.gov.in

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