केमिकल और पेट्रोकेमिकल क्षेत्रों को पीएलआई के तहत लाने की योजना-वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने कहा है कि वह केमिकल और पेट्रोकेमिकल क्षेत्र के लिए उत्पादकता आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना लाने पर विचार कर रही है। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, उद्योग संगठन फिक्की द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज गुरुवार को कहा कि सरकार पेट्रोकेमिकल और केमिकल क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजना पर विचार करेगी क्योंकि भारत का लक्ष्य ऊर्जा में आत्मनिर्भर बनना और 2070 तक शुद्ध- शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करना है। अब तक, सरकार ने दूरसंचार, फार्मा और कपड़ा जैसे विभिन्न क्षेत्रों के लिए 14 पीएलआई योजनाएं शुरू की हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि केमिकल और पेट्रोकेमिकल क्षेत्रों का निर्माण, पैकेजिंग, कपड़ा और कृषि जैसे कई क्षेत्रों पर सीधा असर पड़ता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत को केमिकल और पेट्रोकेमिकल क्षेत्रों में विनिर्माण के लिए एक वैकल्पिक गंतव्य के रूप में देखा जा रहा है।

मीडिया सूत्रों के अनुसार, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बात पर जोर दिया कि जिस उद्योग में व्यापक संभावनाएं हैं, उसे स्थिरता, कार्बन उत्सर्जन, सामान्य प्रदूषण और भूजल प्रदूषण को ध्यान में रखकर विनिर्माण क्षमता का निर्माण करना चाहिए। वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘ हमें याद रखना है कि भारत ने 2047 तक ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने और 2070 तक शून्य कॉर्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है। यह लक्ष्य तबतक हासिल नहीं हो सकता, जबतक कि सभी उद्योग और सभी क्षेत्र इसमें अपना योगदान नहीं दें।” उन्होंने कहा, ‘‘ हम हरित वृद्धि पर ध्यान दे रहे हैं। कार्बन गहनता को कम करने की जरूरत है। ऐसे में प्रत्येक क्षेत्र को इसमें योगदान देना होगा।” उन्होंने कहा कि भारत की ऊर्जा दक्षता और नवीकरणीय ऊर्जा प्रतिबद्धताएं भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। भारतीय उद्योग जगत को शुद्ध शून्य उत्सर्जन और गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से 500 गीगावॉट की स्थापित बिजली क्षमता के लक्ष्य को ध्यान में रखना चाहिए। उन्होंने उद्योग जगत से हाइड्रोजन मिशन पर भी ध्यान देने का आग्रह किया।

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