कोयला मंत्रालय ने खनिज रियायत नियम 1960 – एमसीआर में संशोधन किया है। एमसीआर प्रावधानों को अपराध की श्रेणी से अलग करने के लिए यह संशोधन किया गया है। एमसीआर परमिट, लाइसेंस और खनन पट्टे जैसी खनिज रियायतों के आवेदन और अनुमति को विनियमित करता है। कोयला मंत्रालय ने कहा कि ये रियायतें खदानों के विकास और संचालन के लिए पूर्व-आवश्यकताएं हैं, जिनमें कारोबारियों की ओर से कई अनुपालन शामिल हैं।
सरकार कारोबार और नागरिकों के लिये अनुपालनों को कम करने के लिये कई पहल कर रही है। सरकार की ‘कारोबार सुगमता’ नीति को प्रोत्साहन और बढ़ावा देने के लिये एमसीआर में संशोधन करके 68 प्रावधानों को अपराध की श्रेणी से हटा दिया गया है। इसके अलावा एमसीआर के 10प्रावधानों में जुर्माना कम किया गया है।
अतिरिक्त या कम रॉयल्टी के समायोजन के लिए एक्सप्रेस प्रावधान शुरू किया गया है। इसके अलावा, सरकार को देय किराए, रॉयल्टी, शुल्क या अन्य राशि के विलंबित भुगतान पर दंडात्मक ब्याज की दर 24 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत कर दी गई है।
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