केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने कहा है कि कोविड महामारी के बाद देश की अर्थव्यवस्था में लचीलापन आ रहा है। पिछले वित्त वर्ष में कर संग्रह में बढोतरी हुई है जिसके परिणामस्वरूप प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों में वृद्धि हुई है। वित्त मंत्रालय ने कहा है कि वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान प्रत्यक्ष कर संग्रह में 49 प्रतिशत और अप्रत्यक्ष कर संग्रह में 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
आज नई दिल्ली में संवाददाताओं को यह जानकारी देते हुए वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव तरुण बजाज ने बताया कि कोरपोरेट कर, प्रत्यक्ष कर और अप्रत्यक्ष कर के संग्रह में वृद्धि दर्ज की गई है।
श्री बजाज ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में कर-सकल घरेलू उत्पाद अनुपात 11 दशमलव सात प्रतिशत के उच्चतम स्तर पर रहा है। उन्होंने कहा कि 2021-22 के केंद्रीय बजट के अनुमान के अनुसार 22 लाख 17 हजार करोड़ रुपये के मुकाबले राजस्व संग्रह 27 लाख करोड़ रुपये से अधिक का है।
वित्त मंत्रालय के अनुसार पिछले वित्त वर्ष के दौरान महामारी के बावजूद वस्तु और सेवा कर में अनुकरणीय वृद्धि देखी गई है। 2020-21 में 94 हजार 734 करोड़ रुपये की तुलना में 2021-22 में औसत मासिक सकल वस्तु और सेवा कर राजस्व एक लाख 23 हजार करोड़ रुपये था।
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