गंगईवीर का गौ-सदन गौवंश वन्य-विहार के रूप में होगा विकसित

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मध्यप्रदेश गौ-पालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड की कार्य परिषद के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि ने जबलपुर के गंगईवीर वन क्षेत्र में विकसित होने वाले गौवंश वन्य-विहार का भूमि-पूजन किया। गौवंश विहार के लिये 3 ग्राम पंचायतों दशरथपुर, कोलमुही और टेहरीकला की भूमि का चयन किया गया है। गौवंश विहार में निराश्रित, भटके हुए और बीमार गौवंश को संरक्षण मिलेगा और आहार लाभ के साथ स्वच्छंद विचरण भी कर सकेंगे।

स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशानुसार प्रदेश के बन्द गौ-सदनों को गौवंश वन्य-विहार के रूप में विकसित कर गौवंश के रहने और खाने की व्यवस्था की जायेगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 1916 में बने 8 गौ-सदनों को वर्ष 2000 में समाप्त किया गया था। वन क्षेत्र में बनें गौ-सदनों में गौ माता के स्वाभाविक हक की 6700 एकड़ भूमि है। भूमि को लक्ष्य कर गौ-संरक्षण का रोडमेप बनाकर हम कार्य कर रहे हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि नये स्वरूप में विकसित होकर गौवंश वन्य-विहार, गौ-संरक्षण की दिशा में कारगर सिद्ध होंगे। उचित देखभाल होने के कारण गौ-वंश सड़कों की ओर रूख नहीं करेंगे।

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