मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार के 12वें चिंतन शिविर का उद्घाटन करते हुए, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी दूरदर्शिता और निरंतर आत्मनिरीक्षण के माध्यम से विश्व स्तर पर आगे रहने की संस्कृति को बढ़ावा दिया है, जिसे चिंतन शिविरों द्वारा और बल मिला है। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि, चाहे परिस्थितियां कैसी भी हों, चिंतन शिविर सामूहिक चिंतन के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है, जो विकास को गति देने तथा आम लोगों को लाभ पहुंचाने वाली पहलों को आगे बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्प और अटूट विश्वास के साथ प्रगति को सक्षम बनाता है। पटेल ने प्रत्येक चिंतन शिविर की शुरुआत में प्रस्तुत किए जाने वाले प्रेरणादायी गीत “मनुष्य तू बड़ा महान है” के गहन संदेश को समझाते हुए कहा कि हमें अपने भीतर की असीम शक्ति को पहचानना चाहिए और जनसेवा के लिए समर्पित रहना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि चिंतन शिविर में किए गए चिंतन इसी प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्होंने कहा कि हमें सौंपी गई ज़िम्मेदारियों को पूरी ईमानदारी से निभाना चाहिए और एक सकारात्मक सोच बनाए रखनी चाहिए जो लोगों के मामलों को सिर्फ़ निपटाने के बजाय वास्तविक समाधान खोजने को प्राथमिकता दे। तभी हम ईश्वर द्वारा हमें प्रदान किए गए जनसेवा के अवसर का सही मायने में सम्मान कर पाएँगे। उन्होंने समय-समय पर अपने कार्यों पर चिंतन करने और उनके परिणामों का गहन मूल्यांकन करने के महत्व पर भी ज़ोर दिया। वर्ष 2003 में चिंतन शिविर के शुभारंभ के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शब्दों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा था, “एक साथ आना एक शुरुआत है, एक साथ सोचना प्रगति है, और एक साथ काम करना सफलता है।”
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री ने कहा कि इन शिविरों ने सामूहिक चिंतन से सामूहिक विकास के लक्ष्य को पूरा किया है। उन्होंने कहा कि इस तीन दिवसीय शिविर में अब इस बात पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए कि हम सब मिलकर और अधिक गति और उत्कृष्टता के साथ कैसे आगे बढ़ें। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे अपनी सेवा के दौरान पूज्य बापू के प्रिय भजन “वैष्णव जन तो…” के सार और संदेश को आत्मसात करें तथा सभी के कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ रहें। भूपेन्द्र पटेल को विश्वास है कि शिविर में होने वाले विचार-विमर्श से गुजरात को प्रधानमंत्री के 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने में राष्ट्र का नेतृत्व करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि 2035 में गुजरात की स्थापना का 75वां वर्ष विकसित भारत-विकसित गुजरात की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि तीन दिवसीय शिविर के दौरान विचार-विमर्श से इस रोडमैप को और अधिक प्रभावी तथा जन कल्याण के लिए नवीन बनाने के लिए विचार सामने आएंगे। सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव हरीत शुक्ला ने स्वागत भाषण दिया और 12वें चिंतन शिविर का अवलोकन प्रस्तुत किया।
#dailyaawaz #newswebsite #news #newsupdate #hindinews #breakingnews #headlines #headline #newsblog #hindisamachar #latestnewsinhindi
Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरे



