गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के कारण होने वाली मौतों में 70 % की कमी आई

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मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि नरेन्‍द्र मोदी सरकार की आतंकवाद को कतई बर्दाश्‍त न करने की नीति है। उन्होंने कहा कि राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन  सरकार के दौरान जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के कारण होने वाली मौतों में 70 प्रतिशत कमी आई है और आतंकी घटनाओं में भी भारी कमी हुई है।

राज्यसभा में आज गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा का उत्‍तर देते हुए श्री शाह ने कहा कि पिछले दस वर्षों में सरकार ने राजनीतिक इच्छाशक्ति और प्रौद्योगिकी के उपयोग से देश की सुरक्षा मजबूत की है। उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद और पूर्वोत्तर में उग्रवाद की तीन बड़ी चुनौतियों का देश ने अतीत में सामना किया है, जिससे राष्‍ट्र की प्रगति और विकास में बाधा उत्‍पन्‍न हुई। श्री शाह ने कहा कि सरकार ने इन सभी चुनौतियों का कडाई से सामना किया है। श्री शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाकर मोदी सरकार ने संविधान निर्माताओं के ‘एक संविधान, एक झंडे’ का सपना पूरा किया है। गृह मंत्री ने कहा कि उडी और पुलवामा में आतंकी हमलों के दस दिन में भारत ने पाकिस्तान के विरूद्ध सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक की।

श्री शाह ने देश की सीमाओं और आंतरिक सुरक्षा मजबूत करने के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले  राज्य पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बल के हजारों जवानों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की।

इससे पहले चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा के सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 समाप्त करके देश को सही मायने में धर्मनिरपेक्ष बनाने का काम किया है। उन्होंने महाकुंभ के आयोजन की भी प्रशंसा करते हुए कहा कि इस महाकुंभ के दौरान कोई अप्रिय घटना नहीं हुई, जो सुरक्षा बलों की कड़ी निगरानी की दक्षता को दर्शाता है। प्रस्तावित परिसीमन पर डॉक्‍टर त्रिवेदी ने विपक्षी दलों से जनसंख्या नियंत्रण कानून पर समर्थन देने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय ने मणिपुर की समस्‍या से निपटने के लिए संवेदनशीलता के साथ काम किया है।

कांग्रेस सांसद अजय माकन ने दिल्ली में बढ़ते अपराध का मुद्दा उठाते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस सीधे गृह मंत्रालय के अधीन आती है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराध की दर सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 77 हजार मामले लंबित हैं।

द्रविड मुनेत्र कझगम के एम षणमुगम ने सुरक्षाकर्मियों के लंबे समय तक काम करने और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल में रिक्‍त पदों का मुद्दा उठाया। आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने देश भर में बढ़ते अपराधों को लेकर सरकार से सवाल किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली अपराध का केंद्र बन गई है।

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News & Image Source: newsonair.gov.in

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