मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि ‘देश का हृदय प्रदेश’ अपने वन, जल, अन्न, खनिज, कला, संस्कृति और परंपराओं की समृद्धि के लिए प्रसिद्ध है अपना मध्यप्रदेश। पुण्य सलिला माँ नर्मदा और भगवान श्रीमहाकालेश्वर की पावन छाया अनगिनत बलिदानियों और महापुरुषों की कर्मभूमि एवं तपोभूमि रहा हमारा प्रदेश ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और धार्मिक रूप से समृद्ध है। आज, मध्यप्रदेश अपने सांस्कृतिक वैभव को संरक्षित करते हुए विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के “विकसित भारत” के संकल्प के तहत, प्रदेश GYAN (गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी के सशक्तिकरण) पर आधारित चार मुख्य स्तंभों पर कार्य कर रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि प्रदेश में औद्योगिक विकास के लिए नवाचारी पहल करते हुए रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव और रोड शो के माध्यम से हर क्षेत्र के औद्योगिक विकास को बल दिया जा रहा है। राज्य सरकार के प्रतिबद्ध प्रयासों का ही यह सुखद परिणाम है कि नए निवेश प्रस्तावों से मध्यप्रदेश का औद्योगिक परिदृश्य सुदृढ़ होने और नए रोज़गार के अवसर सृजित होने की राहें खुल रही हैं।
सांस्कृतिक पुनर्जागरण के क्रम में श्रीराम वन गमन पथ, श्रीकृष्ण पाथेय और विक्रम संवत की पुनर्स्थापना जैसे अनेक प्रयास हमारी ऐतिहासिक धरोहर को नई ऊर्जा दे रहे हैं। यह समय आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक प्रगति का है। मध्यप्रदेश की साढ़े आठ करोड़ जनता के सहयोग और संकल्प से हम आत्मनिर्भर प्रदेश का निर्माण करके विकसित भारत के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए कृत संकल्पित हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मध्यप्रदेश सरकार के एक वर्ष पूर्ण होने पर गुरूवार को भोपाल में मीडिया प्रतिनिधियों से संवाद करते हुए कहा कि हर्ष का विषय है कि प्रधानमंत्री मोदी आगामी 25 दिसम्बर को छतरपुर में केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना का शिलान्यास करने आ रहे हैं। साथ ही फरवरी-2025 में भोपाल में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में भी प्रधानमंत्री मोदी पधारेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मीडिया प्रतिनिधियों के साथ प्रदेश में एक वर्ष में हुए विकास और उपलब्धियों को साझा किया।
मुख्यमंत्री जनकल्याण अभियान और जनकल्याण पर्व
प्रदेश में 11 दिसम्बर से मुख्यमंत्री जनकल्याण अभियान और राज्य सरकार के एक वर्ष पूर्ण होने पर जनकल्याण पर्व शुरू किया गया है।
मुख्यमंत्री जनकल्याण अभियान में शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं से वंचित नागरिकों को लाभान्वित करने और जन समस्याओं का मौके पर शिविर लगाकर निराकरण किया जायेगा। इसमें केन्द्र और राज्य सरकार की शत-प्रतिशत सैचुरेशन की चिन्हित-34 हितग्राही मूलक योजनाओं में और 11 लक्ष्य आधारित योजनाओं के साथ विभिन्न विभागों से संबंधित 63 सेवाएं शिविर लगाकर आमजन को लाभान्वित किया जाएगा।
जन-कल्याण पर्व में विभिन्न विभागों की गतिविधियां, विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमि-पूजन के साथ जन-कल्याण के कार्य प्रमुखता से किये जायेंगे होंगे। इन कार्यक्रमों में आमजन की सहभागिता भी सुनिश्चित की जाएगी।
1. गरीब कल्याण के लिए:-
इंदौर के हुकुमचंद मिल के 4 हजार 800 श्रमिक परिवारों की लंबित राशि 224 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।
संबल 2.0 के अंतर्गत 1 करोड़ 73 लाख से अधिक श्रमिकों का पंजीयन। 40 हजार से अधिक श्रमिक परिवारों को 895 करोड़ रुपये से अधिक की अनुग्रह राशि का अंतरण।
सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं में प्रतिमाह 55 लाख हितग्राहियों को 3 हजार करोड़ रुपये से अधिक राशि का अंतरण।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में 36 लाख से अधिक परिवारों और प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में 8 लाख से अधिक परिवारों का साकार हुआ घर का सपना।
स्वामित्व योजना में 24 लाख लोगों को भू-अधिकार पत्र वितरित कर मध्यप्रदेश देश में प्रथम बना।
वोकल फॉर लोकल के तहत धनतेरस से देवउठनी ग्यारस तक शिल्पकार और छोटे व्यवसायियों को कर से मुक्त रखा।
पीएम स्वनिधि योजना में 11 लाख से अधिक हितग्राहियों को 10 से 50 हजार रूपये तक के ऋण सहायता उपलब्ध कराई गई।
2. किसान कल्याण के लिए:-
प्रत्येक ग्राम पंचायत में पीएम किसान समृद्धि केंद्र की स्थापना होगी।
रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना में किसानों को 1 हजार रुपये प्रति क्विंटल की दर से अधिकतम 3900 रूपये प्रति हेक्टेयर की अतिरिक्त सहायता दी जाएगी।
किसानों को समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूं पर प्रति क्विंटल 125 रुपये बोनस का भुगतान।
सोयाबीन का समर्थन मूल्य 4,892 रुपये प्रति क्विंटल की दर से उपार्जन करने का निर्णय लिया।
मुख्यमंत्री किसान कल्याण सम्मान निधि में 6 हजार रूपये प्रति वर्ष का भुगतान सीधे किसानों के खातों में किया जा रहा है।
फसल की बोनी के सही आंकलन के लिये डिजिटल क्राप योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
राजस्व महाअभियान के दो चरणों में 80 लाख से अधिक लंबित प्रकरणों का निपटारा किया गया। राजस्व महाअभियान 3.0 शुरू हुआ।
3. युवाओं के लिए:–
प्रदेश के विश्वविद्यालयों के कुलपति अब कुलगुरु कहलाएंगे।
राज्य स्तरीय रोज़गार दिवस के अवसर पर रिकॉर्ड 7 लाख युवाओं को 5 हजार करोड़ रुपये का स्व-रोज़गार ऋण वितरित हुआ।
सभी शासकीय विभागों में लगभग 1 लाख पदों पर भर्तियां की जा रही। आगामी 5 वर्ष में 2.50 लाख सरकारी नौकरियां उपलब्ध कराने का लक्ष्य है।
गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा के उद्देश्य से 55 जिलों में पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस प्रारंभ।
विश्वविद्यालयों में छात्र-छात्राओं की अंकसूची एवं उपाधियों को डीजी लॉकर में अपलोड करने की व्यवस्था लागू की गई।
4. महिला सशक्तिकरण के लिए:-
शासकीय सेवाओं में महिलाओं को अब 35 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा।
लाड़ली बहना योजना में 1.29 करोड़ बहनों को जनवरी 2024 से अब तक 19 हजार 212 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का अंतरण किया गया। रक्षाबंधन पर बहनों को 250-250 रूपये अतिरिक्त राशि नेग के रूप में दी गई।
प्रदेश की लगभग 26 लाख लाड़ली बहनों को 450 रुपये में गैस सिलेंडर की रीफिलिंग के लिए वर्ष 2024 में 715 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का अंतरण किया गया।
एक लाख से अधिक दीदीयां बनी लखपति बनी हैं।
महिला उद्यमियों के प्रोत्साहन के लिए 850 एमएसएमई इकाइयों को 275 करोड़ रुपये का अंतरण।
सेनिटेशन एवं हाईजीन योजना में 19 लाख से अधिक बालिकाओं को 57 करोड़ 18 लाख रुपये की राशि अंतरित।
आहार अनुदान योजना में विशेष पिछड़ी जनजातीय बहनों के खाते में जनवरी, 2024 से लेकर अब तक 325 करोड़ रुपये की राशि अंतरित।
उद्योग एवं रोजगार से संवरेगा म.प्र. का भविष्य
वर्ष 2025 को औद्योगिक वर्ष के रूप में किया गया घोषित।
अब तक सम्पन्न हुईं 6 रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर, सागर, रीवा और नर्मदापुरम से रु. 2.07 लाख करोड़ए मुंबई, बेंगलुरू, कोयम्बटूर, कोलकाता में किये गये रोड-शो कार्यक्रमों में रु. 1 लाख करोड़ से अधिक के निवेश, भोपाल में आयोजित खनन कॉन्क्लेव में रुपये 20 हजार करोड़ के निवेश और यू.के. और जर्मनी की यात्रा में रु. 78 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।
इन संयुक्त प्रयासों से कुल 4 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए है। इनसे 3 लाख से अधिक रोजगार सृजन होगा।
प्रदेश के हर जिले में निवेश प्रोत्साहन केन्द्र प्रारंभ किये गए।
समृद्ध हो रही संस्कृति
श्रीकृष्ण लीलाओं से जुड़े सभी तीर्थ स्थलों (सांदीपनि आश्रम, नारायणा गांव उज्जैन, जानापाव इंदौर एवं अमझेरा धार) को जोड़ कर श्रीकृष्ण पाथेय का होगा निर्माण, श्रीकृष्ण पाथेय न्यास के गठन को स्वीकृति दी गई।
विक्रमोत्सव के अवसर पर विश्व की पहली “विक्रमादित्य वैदिक घड़ी’’ का शुभारंभ कर भारतीय काल गणना परंपरा का साक्षात्कार पूरी दुनिया से कराया गया।
1450 किमी लंबे श्रीराम वन गमन पथ निर्माण का निर्णय लिया गया।
प्रत्येक नगरीय निकाय में गीता भवन के निर्माण का निर्णय लिया गया।
गीता जयंती पर प्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव मनाया गया है।
प्रदेश में सभी त्यौहार समाज के साथ मिलकर मनाए गए।
शासकीय कैलेण्डर में विक्रम संवत अंकित करना प्रारंभ।
सुशासन के लिये प्रतिबद्ध
साइबर तहसील से नामांतरण और बंटवारा जैसे राजस्व प्रकरणों का ऑनलाइन निराकरण प्रारंभ किया गया।
संपत्ति की ई-पंजीयन एवं ई-स्टेम्पिंग के माध्यम से रजिस्ट्री हेतु संपदा 2.0 शुरू किया।
थानों की सीमाओं के पुनर्निर्धारण का कार्य किया गया।
जिला, संभाग, तहसील आदि की सीमाओं के पुनः निर्धारण एवं नियुक्तिकरण के लिए एक पृथक प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग गठित किया गया।
भोपाल में बीआरटीएस कॉरिडर को हटाने का निर्णय।
अनियंत्रित एवं अनियमित लाउडस्पीकर और खुले में मांस विक्रय को प्रतिबंधित किया।
टाइगर रिजर्व की संख्या में बढ़ौत्तरी
मध्यप्रदेश टाइगर और चीता स्टेट के बाद बना लेपर्ड स्टेट। भारत सरकार की रिपोर्ट अनुसार प्रदेश में 3 हजार 907 तेंदुए हैं, जो कि देश में सबसे अधिक हैं।
भोपाल का रातापानी बना प्रदेश का आठवां टाइगर रिजर्व।
मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और राजस्थान को मिलाकर बनेगा देश का सबसे बड़ा चीता कॉरिडोर।
माधव नेशनल पार्क भी शीघ्र टाइगर रिजर्व घोषित होगा।
कानून-व्यवस्था
वारंट और समन की तामील के लिए ई-तकनीक का उपयोग किया जाएगा। मध्यप्रदेश ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य। सायबर डेस्क स्थापित करने का निर्णय।
विशेष पिछड़ी जनजाति के युवाओं को सेना, अर्धसैनिक बलों और पुलिस सेवाओं में भर्ती के लिए प्रशिक्षण हेतु जनजातीय बटालियन गठित करने का निर्णय।
पुलिस में स्पोर्ट्स कोटा निर्धारित, प्रतिवर्ष 10 सब इंस्पेक्टर एवं 50 कॉन्सटेबल की नियुक्ति होगी।
सिंचाई का बढ़ता रकबा
1320 करोड़ रुपये की लागत की चितरंगी दाबयुक्त सूक्ष्म सिंचाई परियोजना को स्वीकृति। सिंगरौली जिले में परियोजना से 32 हजार 125 हेक्टेयर में सिंचाई क्षेत्र विकसित होगा।
4 हजार 197 करोड़ 58 लाख रुपये की लागत से जावद-नीमच दाबयुक्त सूक्ष्म सिंचाई परियोजना को स्वीकृति।
पर्यटन को नये आयाम
‘‘पीएमश्री पर्यटन वायु सेवा’’ का शुभारंभ। इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, भोपाल, रीवा, सिंगरौली, उज्जैन एवं खजुराहो के मध्य संचालनशुरू हुआ।
अशोकनगर के चंदेरी के प्राणपुर ग्राम में 7 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से देश के पहले ‘‘क्राफ्ट हैण्डलूम टूरिज्म विलेज’’ का शुभारंभ। साथ ही प्रदेश में होम-स्टे को बढ़ावा दिया जा रहा है।
पर्यटन क्षेत्र ने प्रस्तुत किया महिला सशक्तिकरण का उदाहरण। पचमढ़ी के अमलतास होटल का रसोइये से लेकर स्वागतकर्ता एवं समस्त स्टाफ तक, महिलाओं द्वारा संचालन।
अधोसंरचना विकास
18 हजार 36 करोड़ रुपये की लागत से इंदौर-मनमाड़ रेलवे लाइन परियोजना को स्वीकृति, 309 किमी लंबी रेल लाइन पर 30 नए रेलवे स्टेशन बनेंगे इससे प्रदेश के जनजातीय बहुल आकांक्षी जिला बड़वानी, धार, खंडवा, खरगोन, इंदौर सहित निकटवर्ती जिले लाभान्वित होंगे।
भारत सरकार द्वारा प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के निर्माण और सुदृढ़ीकरण के लिए 3 हजार 500 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 8,565 ग्राम 19,378 किलोमीटर लंबी सड़कों से बारहमासी मार्ग से जुड़े।
14440 करोड़ रुपये की लागत से भोपाल एवं इंदौर में मेट्रो रेल निर्माणाधीन।
विंध्य क्षेत्र को मिली बड़ी सौगात। मध्यप्रदेश का छठा एयरपोर्ट, रीवा एयरपोर्ट का शुभारंभ।
ग्वालियर में देश में सबसे कम समय में बनकर तैयार हुए, मध्यप्रदेश के सबसे बड़े राजमाता विजयाराजे सिंधिया एयरपोर्ट का उद्घाटन हुआ।
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