चीन ने फिर कहा है कि कोविड महामारी के कारण भारतीय विद्यार्थियों की वापसी में देरी हुई है, जबकि चीन ने महामारी के दौरान कई अन्य देशों के विद्यार्थियों को अनुमति दे दी है। भारत के विद्यार्थी पिछले दो वर्षों से वापसी की प्रतीक्षा कर रहे हैं। पेईचिंग में बृहस्पतिवार को श्रीलंका के दूतावास से जारी प्रेस विज्ञाप्ति के अनुसार चीन ने श्रीलंका के विद्यार्थियों की वापसी की अनुमति दे दी है। लेकिन भारत के विद्यार्थियों की वापसी से संबंधित एक प्रश्न के बारे में चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने शुक्रवार को कहा कि चीन कई विकल्पों की तलाश कर रहा है और उम्मीद है कि भारत के विद्यार्थी जल्द ही वापस आ सकेंगे और महामारी की स्थिति में सुधार के बाद चीन में अपना अध्ययन फिर शुरू कर सकेंगे। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने पिछले महीने भारत की यात्रा के दौरान भारतीय विद्यार्थियों की वापसी का आश्वासन दिया था।
चीन कोविड महामारी की स्थिति का बहाना लेकर कई देशों के विद्यार्थियों को लौटने की अनुमति नहीं दे रहा है जबकि कुछ देशों के विद्यार्थियों को आने की अनुमति दी जा रही है। इससे चीन की नीति में पारदर्शिता को लेकर आशंकाए उत्पन्न हो रही है। भारतीयों विद्यार्थियों की वापसी की समयसीमा के बारे में अब तक कुछ स्पष्ट नहीं है जबकि चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने पिछले महीने भारत यात्रा के दौरान भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर को आश्वासन दिया था कि वे इस मामले में संबंधित अधिकारियों से बात करेंगे। चीन के विदेश मंत्री ने मेडिकल के विद्यार्थियों को हो रही कठिनाइयों को लेकर विशेष चिंता की बात मानी थी। लेकिन ऐसा लगता है कि तब से इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई है।
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