चीन ने एक बार फिर पाकिस्तान के अंतर्राष्ट्रीय आतंकी अब्दुल रउफ अज़हर को संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों से बचा लिया है। विधिवत प्रक्रिया के तहत निर्विवाद सबूत के बावजूद चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमरीका और भारत के संयुक्त प्रस्ताव को रोक दिया। इस प्रस्ताव के तहत जैश-ए-मोहम्मद के कमाण्डर अजहर को संयुक्त राष्ट्र की अंतर्राष्ट्रीय आतंकियों की सूची में शामिल करने का प्रावधान किया गया था । इसी वर्ष जून में चीन ने पाकिस्तान स्थित आतंकी अब्दुल रहमान मक्की पर प्रतिबंध लगाने के अमरीका और भारत के संयुक्त प्रस्ताव को तकनीकी आधार पर रोक दिया था। मक्की संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित पाकिस्तान स्थित आतंकी गुट लश्करे तैय्यबा का उपप्रमुख है। अजहर और मक्की भारत में कई आतंकी हमलों में शामिल रहे हैं। इनमें 26 नवम्बर 2008 का मुम्बई आतंकी हमला, भारतीय संसद पर हमला और 1999 में इंडियन एयरलाइन्स की उडान 814 का अपहरण शामिल है। रउफ अजहर मसूद अजहर का छोटा भाई है और भारत में सर्वाधिक वांछित आतंकियों में शामिल है । संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 14 सदस्य प्रस्ताव के समर्थन में थे, लेकिन चीन ने इसका विरोध किया। विशेषज्ञों का कहना है कि चीन ने एक बार फिर आतंकवाद से निपटने के इतने महत्वपूर्ण मुद्दे का राजनीतिकरण किया और भारत के विरूद्ध अपने नकारात्मक ऐजेंडे को आगे बढाया ।
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