जुल्फिकार अली ने शुक्रवार तड़के यहां सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच हुई जबरदस्त मुठभेड़ के बाद की डरावनी स्थिति को याद करते हुए कहा कि, ‘हमने सोचा था कि हम फिर कभी एक-दूसरे को नहीं देख पाएंगे। हम सारी उम्मीद खो बैठे थे लेकिन सेना ने समय पर कार्रवाई करते हुए हमें बचा लिया।
अली ने कहा कि भारी गोलीबारी हुई और ग्रेनेड से विस्फोट भी हुए तथा हमारे बाहर जिंदा आने की उम्मीद बिलकुल नहीं के बराबर थी। घर की दीवारों पर और बाहर खड़े वाहनों पर होती गोलियों की बौछार के बीच वह अपने परिवार के साथ घर के एक कोने में छिप गया। उसने कहा कि इस भयानक स्थिति में सेना का एक दल घर में घुसा और भारी सुरक्षा के बीच परिवार के प्रत्येक सदस्य को निकालना शुरू कर दिया। उसने कहा कि ‘हम तो उम्मीद खो बैठे थे, लेकिन सेना की वजह से आज जिंदा हैं’।