जहां शिव कैद हैं, वहाँ सुख कैसे हो सकता है – पं. प्रदीप मिश्रा

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प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने शिव महापुराण कथा के दौरान रायसेन में कहा है कि “जहां शिव क़ैद हैं ऐसे में सुख कैसे हो सकता है। जो देवों के देव महोदव हैं, लेकिन वो देश की आजादी के बाद से कैद में है और आज तक कोई उनको कैद से बाहर नहीं ला सका है।”
ये बातें सीहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा ने रायसेन में कही। वे रायसेन में आयोजित शिव महापुराण के दौरान उपस्थित जनसमूह को कथा श्रवण करा रहे थे। रायसेन के दशहरा मैदान में शिव महापुराण कथा का आयोजन 3 अप्रैल से किया जा रहा है। यहां पर रोजाना दोपहर 2 बजे से लेकर 5 बजे तक शिव महापुराण की कथा का वाचन पंडित प्रदीप मिश्रा कर रहे हैं। मंगलवार को उन्होंने कथा के दौरान कहा कि रायसेन किले के शिव मंदिर में ताला डला है ये शर्म की बात है। पंडित मिश्रा द्वारा मंदिर का ताला खोलने का आव्हान करते ही पूरा पांडाल शिव के जयकारों से गूंज गया। ज्ञात हो कि रायसेन किला शिव मंदिर का ताला साल में केवल महाशिवरात्रि पर ही खुलता है।

 

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