मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राष्ट्रपति जो बाइडन ने रणनीतिक रूप से अहम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नई त्रिपक्षीय भागीदारी की शुरुआत करते हुए कहा कि जापान और फिलीपींस की सुरक्षा के प्रति अमेरिका सदैव दृढ़ रहा है। बाइडन ने जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर का व्हाइट हाउस में स्वागत करते हुए पहले त्रिपक्षीय शिखर सम्मेलन की मेजबानी की।
जानकारी के अनुसार, अमेरिका, जापान, फिलीपींस ने शिखर सम्मेलन में बीजिंग के दक्षिण चीन सागर में उठाए जाने वालों कदमों की निंदा की। टोक्यो का पूर्वी चीन सागर में सेनकाकू द्वीप समूह को लेकर और मनीला का दक्षिण चीन सागर के कई क्षेत्रों को लेकर बीजिंग से विवाद है। बाइडन ने कहा कि दक्षिण चीन सागर में फिलीपींस के विमानों, जहाजों या उसके सशस्त्र बलों पर कोई भी हमला हमारी पारस्परिक रक्षा संधि का आह्वान करेगा।
मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार, बाइडन ने वैश्विक बुनियादी ढांचे और निवेश के लिए जी-7 की साझेदारी के हिस्से के रूप में फिलीपींस में एक आर्थिक गलियारा शुरू करने की भी घोषणा की। यह हिंद प्रशांत में पहला गलियारा है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए चीन ने कहा कि वह संबंधित देशों द्वारा गुट आधारित राजनीति का कड़ा विरोध करता है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओनिंग ने बीजिंग में कहा कि हम तनाव बढ़ाने वाले और दूसरे देशों की रणनीतिक सुरक्षा और हितों को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी कृत्य का विरोध करते हैं। इस क्षेत्र में विशेष समूह बनाने के खिलाफ हैं।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, बावजूद, फिलीपींस के विदेश मंत्री एनरिक मनालो ने कहा कि हम अपने संप्रभु अधिकारों का दावा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। खासकर विशेष आर्थिक क्षेत्र के अंदर। उन्होंने चीन पर उत्पीड़न तेज करने का आरोप लगाया। वहीं अमेरिकी रक्षा सचिव लायड आस्टिन ने कहा कि चीन की ज्यादतियों के खिलाफ वाशिंगटन मनीला के साथ खड़ा है।
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