मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जुलाई में इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश महीने-दर-महीने नौ प्रतिशत घटकर 37,113 करोड़ रुपये रह गया। लार्ज कैप, स्माल कैप और मिड कैप श्रेणियों में निवेश में कमी के चलते यह गिरावट दर्ज की गई। गिरावट के बावजूद जुलाई में मिलने वाले शुद्ध निवेश की मात्रा एक महीने में मिलने वाला दूसरे सबसे बड़ा निवेश है। यह जून में प्राप्त 40,608 करोड़ रुपये के निवेश के बाद दूसरे स्थान पर है। एसोसिएशन आफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआइ) द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, यह नवीनतम निवेश इक्विटी फंड में शुद्ध इन्वेस्टमेंट का लगातार 41वां महीना है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, जुलाई में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआइपी) में मासिक योगदान बढ़कर 23,332 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया, जबकि पिछले महीने यह 21,262 करोड़ रुपये था। एएमएफआई के मुख्य कार्यकारी वेंकट चलसानी ने कहा कि यह खुदरा निवेशकों के बीच बढ़ते वित्तीय अनुशासन को दर्शाता है, जिससे उन्हें समय के साथ व्यवस्थित रूप से धन अर्जित करने में मदद मिलती है। कुल मिलाकर, म्यूचुअल फंड उद्योग में समीक्षाधीन महीने में 1.9 लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ, जबकि जून में 43,637 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था। यह निवेश इक्विटी के साथ-साथ डेट योजनाओं में निवेश के कारण हुआ। इन निवेशों के साथ, उद्योग की प्रबंधन के तहत शुद्ध परिसंपत्तियां जून के अंत में 61.15 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर जुलाई के अंत में 65 लाख करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गईं। आइटीआई म्यूचुअल फंड के सीईओ हितेश ठक्कर ने कहा कि उद्योग अगले तीन से चार सालों में एक ट्रिलियन डालर एयूएम और 10 करोड़ निवेशकों की संख्या को पार कर जाएगा।
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