मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, झारखंड की राजधानी रांची समेत पूरे राज्य में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। राजधानी में गुरुवार को सुबह में कोहरा छाया रहा, धीरे-धीरे मौसम साफ हुआ। वहीं शुक्रवार को भी मौसम ऐसा ही बने रहने के आसार हैं। मौसम विभाग ने प्रदेश में अगले 24 घंटे के दौरान न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट की संभावना जताई है। । इसके बाद अगले दो से तीन दिनों के दौरान न्यूनतम तापमान में बड़े बदलाव की संभावना नहीं है। मौसम विज्ञान केंद्र रांची ने राज्य के 11 जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में गढ़वा, पलामू, चतरा, हजारीबाग, कोडरमा, गिरिडीह, देवघर, दुमका, गोड्डा, साहिबगंज और पाकुड़ जिले शामिल हैं। इन जिलों में कहीं-कहीं घना कोहरा छाए रहने की संभावना है। मौसम विज्ञानी अभिषेक आनंद ने कहा कि पिछले 24 घंटे के दौरान डाल्टनगंज में हल्की बारिश दर्ज की गई। 10 जनवरी को राज्य के अधिकांश हिस्सों में कोहरा छाया रहेगा जबकि 11 से 14 जनवरी तक कोहरा के बाद आंशिक रूप से बादल छाए रहने की संभावना है। रांची से सटे कांके का तापमान पिछले 24 घंटे में करीब 4.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। यहां का तापमान पिछले दस दिनों से पांच डिग्री के नीचे ही स्थिर है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, झारखंड की राजधानी में शाम ढलते ही कनकनी का असर बढ़ रहा है। ठंडी हवा बहने से सड़कों पर लोगों की कम आवाजाही देखी जा रही है। पिछले 24 घंटे के मौसम की बात करें तो राज्य में मौसम शुष्क बना रहा। कहीं-कहीं पर हल्के व मध्यम दर्जे के कोहरे का असर भी देखा गया। सबसे अधिक अधिकतम तापमान 27.9 डिग्री सेल्सियस सरायकेला का जबकि सबसे कम न्यूनतम तापमान 3.2 डिग्री सेल्सियस लोहरदगा का रिकॉर्ड किया गया। वहीं राजधानी रांची का अधिकतम 21.6 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम 7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। मैक्लुस्कीगंज क्षेत्र में गुरुवार की सुबह कोहरे से थोड़ी राहत रही, लेकिन गलन व ठिठुरन ने लोगों को जकड़कर रख दिय। मैक्लुस्कीगंज में गुरुवार को इस मौसम का सबसे ठंडा दिन महसूस किया गया। सुबह पांच बजे 1.5 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। गोर्डन रेस्ट हाउस में लगे तापमान मापक यंत्र में यह तापमान रिकॉर्ड किया गया। तापमान मापक नेल्सन पाल गोर्डन बाबी ने बताया कि सुबह खेत खलिहान के घास पर ओस की बूंदे बर्फ में तब्दील हो गईं। पेड़ व पौधों के पत्तों पर ओस की बूंदे मोती की तरह चमक रहीं थीं। कड़ाके की सर्दी से रबी की सरसों, चने, टमाटर की फसलों को काफी नुकसान होने की आशंका है। कड़ाके की सर्दी से बचाव के लिए लोग सुबह से करीब 10 बजे तक अलाव जलाकर तापते नजर आ रहे हैं। इन दिनों पड़ रही कड़ाके की सर्दी के कारण ग्रामीण इलाकों से शहरों में सुबह-शाम आने-आने वाले मजदूर वर्ग के लोगों को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सर्दी के कारण लोग समय पर नहीं पहुंच पा रहे हैं। वहीं, शाम ढलते ही लोग घरों में दुबक जा रहे हैं, जिससे बाजारों में सन्नाटा पसरा रहता है। इस पूरे क्षेत्र में पड़ रही ठंड का जनजीवन पर भी गहरा असर पड़ा है। इन इलाकों में सुबह के 11 बजे तक सूर्यादय के तत्काल बाद जैसा एहसास होता है। दोपहर में तीन से चार घंटे ही धूप लोगों को राहत दे पाती है। दोपहर 3 बजे के बाद फिर से कड़ाके की ठंड लगनी शुरू हो जाती है। सूर्यास्त से पहले ही घर-घर अलाव जल उठते हैं। दैनिक कामकाज में हर काम के लिए इन क्षेत्रों के लोग गर्म पानी का उपयोग कर रहे हैं।
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