झारखंड: चंपई सरकार के विश्वास मत हासिल करने के बाद कांग्रेस ने साधा निशाना; राहुल की कल्पना सोरेन से मुलाकात

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झारखंड: चंपई सरकार के विश्वास मत हासिल करने के बाद कांग्रेस ने साधा निशाना; राहुल की कल्पना सोरेन से मुलाकात
Image Source : Amar Ujala

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, झारखंड में झामुमो-कांग्रेस गठबंधन सरकार ने सोमवार को विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया। इसके साथ ही कांग्रेस ने कहा कि राज्य ने एक तानाशाह के अहंकार को चकनाचूर कर दिया है। मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, कांग्रेस ने विश्वास मत के तुरंत बाद ‘एक्स’ पर एक पोस्ट किया। जिसमें उसने कहा, ‘झारखंड ने तानाशाह के अहंकार को चकनाचूर कर दिया। भारत की जीत हुई। जनता जीत गई। विपक्षी गठबंधन इंडिया ने आज विधानसभा में विश्वास मत हासिल किया। आप सभी को बहुत बधाई। जय जोहार।’

मीडिया में आई खबर के अनुसार, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, हमने बहुत ही आश्वस्त होकर विश्वास मत हासिल किया है। भाजपा का ऑपरेशन कमल असफल रहा है। उन्होंने कहा, सबसे पहले उन्होंने (पूर्व मुख्यमंत्री) हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया और उनसे इस्तीफा दिलवाया। इसके बाद उन्होंने चंपई सोरेन के शपथ ग्रहण में देरी की।

मीडिया सूत्रों के अनुसार, उन्होंने कहा, यह सरकार शेष एक साल के कार्यकाल को पूरा करेगी और फिर हम झारखंड की जनता के पास नए सिरे से जनादेश के लिए जाएंगे। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि राज्यपाल अपनी भूमिका को लेकर पक्षपाती रवैया रखते हैं, चाहे तमिलनाडु हो या केरल, मणिपुर, जम्मू-कश्मी, झारखंड या बिहार हो।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, वहीं, कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि झारखंड विधानसभा में विश्वास मत में इंडिया गठबंधन की जीत लोगों की ताकत को साबित करती है। उन्होंने कहा, हमारी लोकप्रिय चुनी हुई सरकार है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जनता की आवाज को नहीं पलट सकता। ईडी जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल कर लोकतंत्र को खत्म करने की केंद्र की कोशिशों का पूरी ताकत से जवाब दिया जाएगा। वेणुगोपाल ने कहा, उन्होंने (भाजपा) आदिवासियों, पिछड़ों और गरीबों की सरकार पर हमला किया। उन्हें लोकसभा चुनाव में जनता के आक्रोश का सामना करना पड़ेगा।

मीडिया सूत्रों के अनुसार, इस बीच, भारत जोड़ो न्याय यात्रा का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने रांची में हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना से मुलाकात की। 81 सदस्यीय विधानसभा में 47 विधायकों ने विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। जबकि, 29 विधायकों ने इसका विरोध किया। निर्दलीय विधायक सरयू राय ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। मतदान के दौरान विधानसभा में 77 विधायक मौजूद थे।

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