झारखंड: झारखंड पुलिस की कमान संभालेंगे अजय कुमार सिंह, चुनाव आयोग ने अनुराग गुप्ता को DGP पद से हटाया

0
33
झारखंड: झारखंड पुलिस की कमान संभालेंगे अजय कुमार सिंह, चुनाव आयोग ने अनुराग गुप्ता को DGP पद से हटाया

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, चुनाव आयोग ने झारखंड के प्रभारी डीजीपी अनुराग गुप्ता को उनके पद से हटा दिया है। आयोग ने उनके पुराने विवादित इतिहास को देखते हुए यह निर्णय लिया है। आयोग ने अपने आदेश में कहा है कि उनके स्थान पर किसी वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी को डीजीपी के पद पर पदस्थापित किया जाय। इसके लिए आयोग ने 21 अक्टूबर तक वरिष्ठ आइपीएस अधिकारियों का पैनल आयोग को सौंपने को कहा है। आयोग की स्वीकृति के बाद नियमित तौर पर नए डीजीपी की नियुक्ति होगी। बहरहाल, आयोग के आदेश के बाद राज्य सरकार ने पूर्व डीजीपी अजय कुमार सिंह को डीजीपी पद का प्रभार सौंप दिया है। गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने इससे संबंधित अधिसूचना शनिवार की शाम जारी कर दी है। वर्तमान में अनुराग गुप्ता को छोड़कर तीन आइपीएस अधिकारी वरिष्ठ हैं। इनमें 1989 बैच के आइपीएस अधिकारी अजय कुमार सिंह, 1990 बैच के अनिल पाल्टा व 1992 बैच के प्रशांत सिंह सम्मिलित हैं। इस पैनल पर चुनाव आयोग विचार करेगा और उसके बाद डीजीपी पद पर नियमित पदस्थापन होगा। अनुराग गुप्ता के पूर्व 1989 बैच के आइपीएस अधिकारी अजय कुमार सिंह नियमित डीजीपी थे। राज्य सरकार ने उन्हें दो वर्ष का कार्यकाल पूरा करने से पहले 26 जुलाई को डीजीपी के पद से हटाकर झारखंड पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन का अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक बनाया था। उनके स्थान पर 1990 बैच के आइपीएस अधिकारी अनुराग गुप्ता को प्रभारी डीजीपी बनाया था।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रभारी डीजीपी के पद से हटाए गए आइपीएस अधिकारी अनुराग गुप्ता का कार्यकाल विवादों में रहा है। उनपर विशेष शाखा के एडीजी रहते हुए पद का दुरुपयोग कर राज्यसभा चुनाव 2016 में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष के वोट देने के लिए बड़कागांव की तत्कालीन कांग्रेस विधायक निर्मला देवी को लालच देने व उनके पति पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को धमकाने का आरोप लगा था। इस मामले में आयोग के आदेश पर ही रांची के जगन्नाथपुर थाने में 29 मार्च 2018 को प्राथमिकी की गई थी। हालांकि, रांची पुलिस ने जांच में उन्हें क्लीन चिट दे दी थी। वर्ष 2019 में भी लोकसभा चुनाव के वक्त चुनाव आयोग ने उन्हें चुनाव कार्य से हटाते हुए उन्हें स्थानिक आयुक्त, नई दिल्ली में पदस्थापित किया था। वह चुनाव की समाप्ति के बाद झारखंड लौटे थे। अनुराग गुप्ता को प्रभारी डीजीपी बनाने के बाद राज्य सरकार ने डीजीपी के पद पर नियमित पदस्थापन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी। इसके लिए राज्य सरकार ने चार आइपीएस अधिकारियों का एक पैनल यूपीएससी को भेजा था। इनमें 1989 बैच के अजय कुमार सिंह, 1990 बैच के अनिल पाल्टा व अनुराग गुप्ता तथा 1992 बैच के आइपीएस अधिकारी प्रशांत सिंह का नाम था। यूपीएससी ने राज्य सरकार के इस पैनल पर विचार के बदले जवाब तलब किया कि अजय कुमार सिंह को किस परिस्थिति में और क्यों हटाया गया। प्रकाश सिंह बनाम भारत सरकार के केस में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन क्यों नहीं किया गया। यह न्यायालय की अवमानना है। डीजीपी की नियुक्ति पर सर्वोच्च न्यायालय का व्यापक फैसला आया था, जिसमें कार्यकाल कम से कम दो साल रखना अनिवार्य किया गया था। अजय कुमार सिंह को डेढ़ साल से भी कम अवधि में डीजीपी के पद से हटाया गया था।

#dailyaawaz #newswebsite #news #newsupdate #hindinews #breakingnews #headlines #headline #newsblog #hindisamachar #latestnewsinhindi

Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें

Google search engine

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here