टोल प्लाज़ा संचालन से समूह की महिलाओं ने बढ़ाया आत्म-निर्भरता की ओर कदम

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Image Source: Social Media

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, नारी सशक्तिकरण देश और प्रदेश की समृद्धि का आधार है। महिलाएँ आत्म-निर्भर बनती हैं, तो सम्पूर्ण समाज और देश-प्रदेश सशक्त और समृद्ध बनता है। केन्द्र एवं राज्य सरकार निरंतर महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में नवाचार कर रही है। इससे महिलाएँ आत्म-निर्भरता की राह पर अग्रसर हैं। नारी सशक्तिकरण की प्रतीक ये नायिकाएँ अपने परिवार का आर्थिक संबल बन रही हैं और साथ ही समाज के लिये प्रेरणा-स्रोत भी बन रही हैं। समाज में महिलाओं की भूमिका को नया आयाम मिल रहा है। ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी है आगर-मालवा जिले के ज्योति स्व-सहायता समूह की महिला सदस्यों की, जिन्होंने टोल प्लॉजा संचालन जैसा कार्य जो पारम्परिक रूप से पुरुष प्रधान कार्य है, इसकी जिम्मेदारी सरकार ने महिला समूह को सौंपी हैं। महिला समूह ने अपनी कार्य-कुशलता से डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में एक करोड़ 13 लाख रुपये से अधिक का शुल्क संग्रह कर कीर्तिमान स्थापित किया है और उन्होंने अपने समन्वय प्रबंधन क्षमता की मिसाल पेश की है। स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष राजूबाई ने इस ऐतिहासिक अवसर एवं विश्वास के लिये प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आभार माना है।

महिला समूह को मिली ऐतिहासिक जिम्मेदारी

मध्यप्रदेश सरकार ने वर्ष 2023 में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक क्रांतिकारी निर्णय लेते हुए पहली बार महिला स्व-सहायता समूह को टोल प्लॉजा संचालन की जिम्मेदारी सौंपी थी। शाजापुर-दुपाड़ा-नलखेड़ा मार्ग पर चाचाखेड़ी गाँव में स्थित इस टोल प्लॉजा का पूरा प्रबंधन ज्योति महिला स्व-सहायता समूह को सौंपा गया। समूह की महिला सदस्य इस जिम्मेदारी को बखूबी निभा रही हैं। उन्होंने अपने समन्वय एवं प्रबंधन क्षमता, दृढ़ इच्छा-शक्ति और अनुशासित कार्यशैली से सरकार और आमजन का विश्वास जीता है। ज्योति महिला स्व-सहायता समूह को यह जिम्मेदारी 2 सितम्बर, 2023 को एक वर्ष के लिये सौंपी गयी थी। मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम ने समूह के उत्कृष्ट कार्य को देखते हुए टोल संचालन के अनुबंध को एक सितम्बर, 2025 तक के लिये बढ़ाया है।

डेढ़ साल में 1.13 करोड़ रुपये का शुल्क संग्रह

ज्योति महिला स्व-सहायता समूह द्वारा पहले कार्यकाल में टोल प्लॉजा के माध्यम से एक करोड़ 13 लाख 54 हजार रुपये से अधिक का शुल्क संग्रह किया गया है। इसमें से समूह को 30 प्रतिशत कमीशन के साथ समूह की 15 सदस्यों को प्रतिमाह 9 हजार रुपये की नियमित आमदनी भी हो रही है।

नेतृत्व में प्रेरणा और कृतज्ञता

ज्योति महिला स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष राजूबाई ने कहा कि इस पहल से वह और उनकी साथी सदस्य आर्थिक रूप से सशक्त बनी हैं। समूह की सफलता प्रदेश के स्व-सहायता महिला समूह के लिये एक प्रेरणा-स्रोत बन गयी है।

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News Source: mpinfo.org

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