डिजिटल डिमेंशिया: सबके लिए एक बढ़ती चिंता

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सोशल मीडिया

भोपाल: डिजिटल डिमेंशिया एक शब्द है जो हाल के वर्षों में ही सामने आया है। यह एक ऐसी स्थिति का वर्णन करता है जिसमें लोगों की मानसिक क्षमताएँ, जैसे कि ध्यान केंद्रित करने, याद रखने और निर्णय लेने की क्षमता, अत्यधिक तकनीकी उपकरणों के उपयोग के कारण कम हो जाती हैं। उक्त विचार समाजसेवी एवं बिजनेसमैन गगनदीप बावा जो कि मनोविज्ञान की शैक्षणिक पृष्ठभूमि से हैं, ने चिंता के साथ व्यक्त करते हुए बताया कि- आजकल लोग डिजिटल डिमेंशिया में कैसे प्रवेश कर रहे हैं, इसके नकारात्मक प्रभाव और इससे कैसे छुटकारा पायें
डिजिटल डिमेंशिया में कैसे प्रवेश कर रहे हैं लोग:
1. अत्यधिक स्क्रीन समय: लगातार स्मार्टफोन, कंप्यूटर या टैबलेट पर समय बिताना, विशेष रूप से सोशल मीडिया और वीडियो गेम्स में, मस्तिष्क की सक्रियता को प्रभावित करता है।
2. सोशल मीडिया का अधिक उपयोग: सोशल मीडिया पर लगातार रहने से मस्तिष्क की गहराई से सोचने और विचार करने की क्षमता कम हो सकती है।
3. सूचना की अधिकता: हर समय नई सूचनाओं के प्रवाह से मस्तिष्क पर दबाव बढ़ता है, जिससे ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो जाता है।
4. दिमागी व्यायाम की कमी: डिजिटल उपकरणों के कारण मानसिक गतिविधियों की कमी होती है, जैसे कि पढ़ना, गणित के समस्याओं को हल करना आदि।

उन्होंने यह भी बताया कि डिजिटल डिमेंशिया के नकारात्मक प्रभाव:
1. याददाश्त में कमी: सामान्य बातों को याद रखना या दीर्घकालिक जानकारी का संग्रहण कठिन हो सकता है।
2. ध्यान केंद्रित करने और निर्णय लेने में कठिनाई: कई कार्यों को एक साथ करने की प्रवृत्ति से मस्तिष्क की ध्यान केंद्रित करने की क्षमता घट सकती है। जिससे की सही निर्णय लेने में असमर्थता हो जाती है।
3. सामाजिक संपर्क में कमी / सामान्य बातचीत में कठिनाई: डिजिटल संवाद की आदतों के कारण वास्तविक जीवन में सामाजिक संपर्क कम हो सकता है। दूसरों के साथ बातचीत करने में समस्या होने लगती है |
4. ऊर्जा का स्तर कम होना / मानसिक तनाव और चिंता: व्यक्ति की शारीरिक गतिविधि कम हो जाती है जिससे की थकावट और काम ऊर्जा का अनुभव होता है |सोशल मीडिया पर लगातार अपडेट और सूचनाओं से मानसिक तनाव और चिंता बढ़ सकती है।
5. नींद की कमी: रात को स्क्रीन के उपयोग से नींद की गुणवत्ता प्रभावित होती है, जिससे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

डिजिटल डिमेंशिया से छुटकारा पाने के उपाय:
1. स्क्रीन समय को सीमित करें: दिन में स्क्रीन के उपयोग को नियंत्रित करें और नियमित ब्रेक लें।
2. बाहरी गतिविधियों में शामिल हों / मस्तिष्क के व्यायाम पर ध्यान दें: प्रकृति में समय बिताएं, किताबें पढ़ें, पहेलियाँ हल करें, या अन्य मानसिक गतिविधियों में भाग लें।
3. नींद का ध्यान रखें: नींद की अच्छी गुणवत्ता सुनिश्चित करें और सोने से पहले डिजिटल उपकरणों का उपयोग कम करें।
4. सामाजिक गतिविधियों में भाग लें / सोशल मीडिया का उपयोग संयमित करें : परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएं और वास्तविक जीवन में संवाद को बढ़ावा दें। सोशल मीडिया पर समय सीमा निर्धारित करें।
5. ध्यान और ध्यान केंद्रित करने की तकनीकें अपनाएं: ध्यान और योग जैसी तकनीकें मस्तिष्क को आराम देने और ध्यान केंद्रित करने में मदद कर सकती हैं।
इन उपायों को अपनाकर आप डिजिटल डिमेंशिया के प्रभावों को कम कर सकते हैं और अपने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।

 

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