मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, दक्षिण कोरिया में स्थितियां राष्ट्रपति यून सुक येओल के हाथ से निकलती जा रही हैं। विपक्ष के महाभियोग लाने के बाद अब सत्तारूढ़ दल में राष्ट्रपति यून की संवैधानिक शक्तियों को निलंबित करने की मांग उठ गई है। यून ने मंगलवार को देश में मार्शल ला लगाने का एलान कर दिया था, हालांकि भारी विरोध और संसद के उसके खिलाफ प्रस्ताव पारित करने से महज छह घंटे में ही मार्शल ला निष्प्रभावी हो गया था।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, विपक्ष के महाभियोग प्रस्ताव पर संसद में शनिवार को मतदान होगा। इस प्रस्ताव में यून के लगाए मार्शल लॉ को असंवैधानिक और अवैध विद्रोह कहा गया है। लेकिन इस प्रस्ताव को पारित कराने के लिए विपक्षी दलों को यून की पीपुल पावर पार्टी के कम से कम आठ सांसदों के समर्थन की जरूरत होगी। इसके बाद ही 300 सदस्यों वाली संसद में दो तिहाई बहुमत से महाभियोग प्रस्ताव पारित हो सकेगा। जनता भी अब यून को बनाए रखने की मंशा में नहीं दिख रही है। जनता उन्हें लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा मानते हुए विरोध प्रदर्शन कर रही है। यून की पार्टी के ही नेता हान डोंग-हून ने राष्ट्रपति की संवैधानिक शक्तियों को निलंबित किए जाने की मांग उठा दी है जिसका कई नेताओं ने समर्थन भी कर दिया है। इन नेताओं ने कहा है कि दक्षिण कोरिया को बचाने के लिए यून की ताकत को निलंबित करना जरूरी है।
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