मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अप्रैल में भीषण गर्मी से जूझने के बाद दिल्ली वासियों के लिए मई की शुरुआत खासी राहत भरी रही है। शुक्रवार की सुबह तेज आंधी तूफान के साथ रिकॉर्ड वर्षा से तापमान में भी काफी गिरावट आई है। यह बात अलग है कि इस आंधी और रिकॉर्ड वर्षा से जनजीवन भी अस्त व्यस्त हो गया। राजधानी में 236 जगह पेड़ गिरने और टूटने की घटनाएं सामने आईं। चार लोगों की मौत हो गई जबकि चार के घायल होने की सूचना है। जगह जगह भारी जलभराव के चलते जो जाम लगा, उससे लोग दोपहर तक घंटों जूझते रहे। आजादपुर अंडरपास, आजाद मार्केट अंडरपास, मुंडका अंडरपास, पुल प्रह्लादपुर अंडरपास और एनएच नौ पर भारी जलभराव के कारण घंटों तक यातायात बाधित और प्रभावित रहा।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, विभिन्न इलाकों में बिजली आपूर्ति भी प्रभावित होने का समाचार है। मौसम विभाग की मानें तो अभी सप्ताह भर तक गर्मी के तेवर हल्के ही रहेंगे। आठ मई तक कमोबेश रोज बादल छाए रहने, हल्की वर्षा होने एवं तापमान भी कम ही रहने का पूर्वानुमान है। शनिवार के लिए भी यलो अलर्ट है। शुक्रवार सुबह दिल्ली वासी सोकर उठे तो बाहर तेज आंधी के साथ मूसलाधार वर्षा हो रही थी। आंधी एवं वर्षा का यह दौर सुबह पांच बजे शुरू होकर आठ बजे तक चला। महज तीन घंटे के दौरान 77.0 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई। आंधी की रफ्तार 80 किमी प्रति घंटे तक रही। 1901 से 2025 तक यह मई माह में 24 घंटे की दूसरी सर्वाधिक वर्षा है। इससे पहले 20 मई 2021 को 119.3 मिमी वर्षा हुई थी, जो आल टाइम रिकॉर्ड भी है। लोधी रोड पर 78.0, पालम में 45.6 मिमी, रिज में 59.2 और आयानगर में 39.4 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई। विभिन्न इलाकों में ओलावृष्टि भी देखने को मिली। इस रिकॉर्ड वर्षा और आंधी से तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई। सुबह पांच से छह बजे के दौरान तापमान में सात से 10 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई। मसलन, सुबह सवा पांच बजे लोधी रोड पर तापमान 28.2 डिग्री से गिर कर सुबह साढ़े पांच बजे 20.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। इसी प्रकार जाफरपुर में 9.4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट के साथ तापमान 28.4 से 19.0 डिग्री सेल्सियस तक आ गया। दिल्ली के समग्र तापमान में भी लगभग इतनी ही गिरावट देखने को मिली। अधिकतम तापमान सामान्य से 10.2 डिग्री कम 29.1 डिग्री जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से 6.2 डिग्री कम 18.5 डिग्री दर्ज किया गया। हवा में नमी का स्तर 100 से 49 प्रतिशत दर्ज हुआ। आश्चर्य और चिंताजनक यह कि मौसम के इस अहम एवं बड़े बदलाव को लेकर मौसम विभाग सुबह साढ़े चार बजे तक भी इसे लेकर सही पूर्वानुमान जारी नहीं कर सका था। साढ़े चार बजे विभाग ने जो नाउकास्ट जारी किया, उसमें भी हल्की से मध्यम वर्षा का ही अलर्ट था। करीब पांच बजे इसे रेड अलर्ट में तब्दील किया गया। निश्चित तौर पर इसे मौसम विभाग की नाकामी ही कहा जाएगा। वरिष्ठ मौसम विज्ञानी आर के जेनामणि ने बताया कि अरब सागर व बंगाल की खाड़ी से मिलने वाली नमी और हवा के मिलने पर ऐसा हुआ। इसी तरह मूसलाधार वर्षा एक साथ कई मौसमी प्रणालियों के कारण हुई, जिससे आंधी-तूफान की स्थिति बनी। उन्होंने कहा, “अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से मिलने वाली नमी और हवा के क्षेत्र में अभिसरण के साथ-साथ निचले और मध्य क्षोभमंडल स्तरों में लगातार अनुकूल समकालिक स्थितियों ने भारी वर्षा को बढ़ावा दिया।” स्काईमेट वेदर के मौसम विज्ञानी महेश पलावत ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में दिन का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया, जिससे नमी का स्तर तेजी से बढ़ा। इसी से गरज के साथ बादल बनने लगे- जो मानसून से पहले की एक आम विशेषता है। उन्होंने कहा, “ये घटनाएं आमतौर पर सुबह या देर शाम के समय होती हैं।” बकौल पलावत, लगभग एक सप्ताह तक इसी तरह की मौसम की स्थिति रुक-रुक कर जारी रह सकती है। नतीजतन, इस अवधि के दौरान दिल्ली में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहने की उम्मीद है, और लू चलने की कोई संभावना नहीं है। उधर शनिवार को भी सामान्यतया छाए रहेंगे। हल्की वर्षा होने का पूर्वानुमान है। गर्जन वाले बादल बनने, बिजली चमकने और 20 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की भी संभावना है। अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमश: 34 और 21 डिग्री रह सकता है।
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