लोकसभा ने दिल्ली नगर निगम-संशोधन विधेयक, 2022 पारित कर दिया है। विधेयक में दिल्ली नगर निगम अधिनियम, 1957 में और संशोधन करने तथा दिल्ली के तीन मौजूदा नगर निगमों को मिलाकर केवल एक दिल्ली नगर निगम बनाने का प्रस्ताव है। विधेयक में दिल्ली के लोगों के लिए अधिक पारदर्शी, कार्यकुशल और बेहतर नागरिक सेवाओं के प्रबंधन के प्रावधान किए गए हैं। वर्तमान में दिल्ली में तीन निगमों- उत्तर, दक्षिण और पूर्वी दिल्ली नगर निगम हैं। इन निगमों में कुल 272 सीटें हैं।
गृहमंत्री ने विधेयक पर चर्चा के जवाब में विपक्ष के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि यह विधेयक सभी संवैधानिक मानदंडों का पालन करके लाया गया है।
यह विधेयक हम बिल्कुल संविधान प्रदत शक्तियों के अनुरूप लाए हैं और पूर्णतया संविधानिक विधेयक दिल्ली संघ राज्य के किसी भी बात पर लजिसलेशन लाने का भारत सरकार का अधिकार 239 एए-3 सी के तहत इस देश की संसद को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की विधानसभा द्वारा बनाए गए किसी भी कानून को संशोधित करने का, उसके स्वरूप बदलने का, या तो उसको निरस्त करने का सर्वाधिक अधिकार है।
श्री शाह ने कहा कि दिल्ली सरकार ने तीन नगर निकायों को 40 हजार 561 करोड़ रुपये वितरित करने की दिल्ली वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार तीन नगर निकायों को 33 हजार करोड़ रुपये का वितरण नहीं किया है।
एकीकृत नगर निगम करने से तीन मेयरों की जगह एक मेयर होगा, 75 समितियों की जगह 25 समितियां होगी, तीन मिंसिपल कमीशनर की जगह एक मिंसिपल कमीश्नर होगा, तीन मुख्यालय की जगह एक मुख्यालय होगा, निर्णयों में समानता रहेगी, एकरूकता रहेगी एक ही शहर में दो प्रकार के कर के स्ट्रक्चर नहीं रहेंगे। वित्तीय स्थिति भी अच्छी रहेगी और लगभग डेढ़ सौ करोड़ का खर्च सालाना इससे कम होगा।