मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली को घुसपैठियों से मुक्त करने के लिए चुनाव से पहले दिसंबर में शुरू किया गया अभियान आगे कब तक चलाया जाए इसकी रूपरेखा आज गृह मंत्रालय में होने वाली बैठक में तय की जा सकती है। दिल्ली की कानून व्यवस्था व खास तौर पर घुसपैठियों के मसले पर चर्चा के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने मंत्रालय में दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों की बैठक बुलाई है। बैठक में पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा, दोनों जोन के विशेष आयुक्त कानून एवं व्यवस्था मधुप तिवारी, रवींद्र सिंह यादव, विशेष आयुक्त स्पेशल सेल विवेक गोगिया व विशेष आयुक्त क्राइम ब्रांच देवेश चंद्र श्रीवास्तव मौजूद रहेंगे।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, राजधानी की कानून व्यवस्था पर सवाल उठने पर चुनाव से पहले 22 नवंबर को भी गृहमंत्री ने इन अधिकारियों को मंत्रालय तलब कर कानून व्यवस्था की समीक्षा की थी और अपराध के विरूद्ध जीरो टालरेंस नीति पर काम करने के निर्देश दिए थे। बैठक में पुलिस के आला अधिकारियों को नसीहत देते हुए गृह मंत्री ने कहा था कि दिल्ली की कानून व्यवस्था में किसी प्रकार की कोताही स्वीकार नहीं की जाएगी। हर एक दिल्लीवासी खुद को पूर्णत: सुरक्षित महसूस करे ये हर पुलिसकर्मी की व्यक्तिगत जवाबदेही होगी। उन्होंने नागरिक सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विशेष कार्य योजना बनाकर अभियान चलाने को कहा था। चुनाव से पहले दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा काफी जोरशोर से उठा था जिसके बाद गृह मंत्रालय के निर्देश पर दिल्ली पुलिस ने दिसंबर से सभी 15 जिलों में अभियान चला बांग्लादेशियों की पहचान कर उनकी धर पकड़ की कार्रवाई शुरू कर दी थी। इस कड़ी में तीन-चार ऐसे गिरोहों का पता चला था जो बांग्लादेशियों को दिल्ली तक लाने व उनके आधार कार्ड से लेकर अन्य भारतीय दस्तावेज बनवा रहे थे। चुनाव से दो हफ्ता पहले तक दिल्ली पुलिस ने काफी तेजी से कार्रवाई की थी। चुनाव में व्यस्तता के कारण कार्रवाई की रफ्तार थोड़ी धीमी पड़ गई थी। लेकिन, चुनाव खत्म होने के बाद अब फिर से पुलिस कार्रवाई में जुट गई है। अब तक पुलिस ने 22,000 संदिग्ध बांग्लादेशियों की पहचान की है। जिनके दस्तावेज की गहन जांच की जा रही है। करीब 800 संदिग्धों के बारे में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण से जानकारी मांगी गई है। प्राधिकरण से संदिग्ध बांग्लादेशियों द्वारा आधार कार्ड बनवाने के लिए दिए गए दस्तावेज के बारे में जानकारी मांगी गई है। वहां से पुलिस को जानकारी मिलनी शुरू हो गई है। सूत्रों के मुताबिक अब तक जिन 120 से अधिक बांग्लादेशी को वापस बांग्लादेश भेजे जा चुके हैं। उनमें से 70 के पास कोई भी भारतीय दस्तावेज नहीं मिला। बाकी ऐसे बांग्लादेशी थे जिनके वीजा की अवधि समाप्त हो जाने पर वह अवैध तरीके से रह रहे थे और भारतीय दस्तावेज बनाने के लिए एजेंटों के संपर्क में थे। पुलिस अधिकारी का कहना है कि बांग्लादेशी के अलावा अब रोहिंग्या को लेकर भी पुलिस कार्रवाई कर रही है। कुछ समय से जिले के डीसीपी ने आरडब्ल्यूए व मार्केट एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें इन दोनों के बारे में जानकारी प्राप्त करना शुरू कर दिया है ताकि इन्हें पकड़ने में आसानी हो सके। पहले मार्च तक इनके खिलाफ अभियान चलाने की बात की थी। शुक्रवार को होने वाली बैठक में संभवत: इसकी रूपरेखा तय की जा सकती है। तीन माह में दिल्ली पुलिस ने बांग्लादेशियों के मसले पर क्या कार्रवाई की इसकी रिपोर्ट भी गृहमंत्री को सौंपी जाएगी।
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