मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम ने अंतरराज्यीय अवैध हथियार तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए गिरोह के तीन प्रमुख सदस्यों गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से पांच पिस्टल और 275 कारतूस, कई मोबाइल फोन और सिम कार्ड बरामद किए हैं। आरोपितों की पहचान मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम निवासी राजेश चौबे, यूपी के आगरा निवासी अविरल शर्मा और राजस्थान के धौलपुर निवासी जितेन्द्र सिंह के रूप में हुई है। जांच में पता चला कि कारतूसों की आपूर्ति करने वाला एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाला बी.टेक स्नातक है। स्पेशल सेल के उपायुक्त अमित कौशिक के मुताबिक, 28 नवंबर को स्पेशल सेल को एक गुप्त सूचना मिली थी कि हथियार तस्करी में शामिल राजेश रोहिणी के सेक्टर-18 मेट्रो स्टेशन के पास अवैध हथियारों की बड़ी खेप पहुंचाने आएगा। टीम ने कार्रवाई करते हुए सूचना वाले स्थान के पास जाल बिछाते हुए राजेश को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से 200 कारतूस के साथ पांच पिस्टल बरामद की गईं। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू की। पूछताछ में राजेश ने बताया कि उसने मध्य प्रदेश के स्थानीय आपूर्तिकर्ता से अवैध हथियार और आगरा के अविरल शर्मा से कारतूस खरीदा था और इन हथियारों व कारतूस को दिल्ली और यूपी के इलाकों में आपूर्ति करना था।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, उसकी निशानदेही पर अविरल शर्मा के ठिकानों पर छापेमारी करते हुए 30 नवंबर को आगरा से गिरफ्तार किया और उसके कब्जे से 50 कारतूस बरामद किए। पूछताछ में उसने बताया कि ये कारतूस जीतेंद्र को भी सप्लाई किए थे। इसके बाद, दो दिसंबर को तीसरे आरोपित जीतेंद्र को राजस्थान के धौलपुर के गांव बरखेड़ा से गिरफ्तार किया और उसकी निशानदेही पर 25 कारतूस बरामद किए गए। पूछताछ में आरोपित राजेश ने बताया कि वह 2013 से हथियारों की आपूर्ति के इस अवैध कारोबार में शामिल है। वर्ष 2013 में उसकी मुलाकात मोहसिन नामक व्यक्ति से हुई, जिसने उसे हथियारों की आपूर्ति के क्षेत्र में फंसाया और मध्य प्रदेश के स्थानीय हथियार आपूर्तिकर्ता से उसका परिचय कराया। उसने स्थानीय आपूर्तिकर्ता से अवैध पिस्टल और अविरल से जिंदा कारतूस खरीदे और आगे दिल्ली, मध्य प्रदेश और यूपी आदि के विभिन्न व्यक्तियों को इनकी आपूर्ति की। वहीं आरोपित अविरल ने बी.टेक किया है और वर्तमान में नोएडा में एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम कर रहा है। उसने मध्य प्रदेश के विभिन्न स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं से कारतूस खरीदा और आगे राजेश चौबे और जितेंद्र सहित विभिन्न व्यक्तियों को इसकी आपूर्ति की। आरोपित जितेंद्र सिंह पहली बार चोरी के मामले में गिरफ्तार किया गया था और उसके बाद उसने डकैती, लूट, हत्या का प्रयास, दंगे, जबरन वसूली आदि सहित कई जघन्य अपराध किए। वह पहले 10 आपराधिक मामलों में शामिल रहा है। उसे इससे पहले वर्ष 2019 में आर्म्स एक्ट के एक मामले में स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था।
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