दिल्ली हाईकोर्ट से बुधवार को शरजील इमाम को बड़ी राहत मिली है। सूत्रों द्वारा प्राप्त जानकारी के मुताबिक, हाईकोर्ट ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और जामिया इलाके में कथित भड़काऊ भाषणों से संबंधित गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और राजद्रोह मामले में शरजील इमाम को वैधानिक जमानत दे दी।
मिली जानकारी के अनुसार, जमानत के बावजूद, शरजील इमाम 2020 के दिल्ली दंगों से संबंधित षड्यंत्र मामले में शामिल होने के कारण जेल में ही रहेंगे, जिसमें यूएपीए के आरोप भी शामिल हैं। जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस मनोज जैन की डिवीजन बेंच ने शरजील इमाम की जमानत याचिका मंजूर कर ली। साथ ही बेंच ने निचली अदालत के उस फैसले को पलट दिया, जिसमें उन्हें वैधानिक जमानत देने से इनकार कर दिया गया था।
बता दें कि, शरजील इमाम का मामला सीआरपीसी की धारा 436ए के अंतर्गत आता है, जिससे वह वैधानिक जमानत के लिए अयोग्य हो जाते हैं। रजत नायर ने शरजील इमाम को लंबे समय तक मुकदमे से पहले हिरासत में रखने के लिए भी जिम्मेदार ठहराया। इसके अलावा कहा कि 2022 में इमाम के अनुरोध पर मुकदमे पर रोक लगा दी गई थी। इन आपत्तियों के बावजूद, कोर्ट ने आरोप तय करने की तारीख और गवाहों की जांच समेत विभिन्न महत्वपूर्ण तारीखों को ध्यान में रखते हुए जमानत दे दी।
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