दूसरों को बड़ा करने में ही शिक्षित व्यक्ति का गौरव : राज्यपाल पटेल

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मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आज राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि अपने ज्ञान से दूसरों को बड़ा करने में ही शिक्षित व्यक्ति का गौरव है। उसकी शिक्षा का गौरव है। उन्होंने कहा कि आज से 38 वर्ष पूर्व कम्प्यूटर ज्ञान के प्रसार के लिए ‘कम्प्यूटर एक परिचय’ पुस्तक की रचना कर, लेखक ने अपनी शिक्षा को गौरवान्वित किया है। संपूर्ण समाज को लाभान्वित करने का उनका प्रयास अभिनंदनीय है।

राज्यपाल पटेल आईसेक्ट पब्लिकेशन की पुस्तक ‘कम्प्यूटर एक परिचय’ के 40 वें संस्करण के लोकार्पण कार्यक्रम को स्थानीय कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर, भोपाल में संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के रूप में मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रंथ अकादमी के पूर्व निदेशक श्री शिव कुमार अवस्थी भी मंचासीन थे।

राज्यपाल पटेल ने कहा कि पुस्तक लेखन समाज सेवा का सशक्त माध्यम है। नई सोच और दृष्टि के द्वारा समाज का मार्गदर्शन करने वाले लेखकों का सम्मान समाज का दायित्व है। उन्होंने युवाओं से अपील की है कि ज्ञान के लिए केवल पाठ्य पुस्तकों पर निर्भर नहीं रहे, पुस्तकों में उपलब्ध हमारे देश, समाज और संस्कृति के ज्ञान का भी अध्ययन करे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और वैचारिक परिवर्तन का नया दौर शुरू हुआ है, जिसकी आजादी के समय से ही देश अपेक्षा कर रहा था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र निर्माण के प्रयासों में युवाओं को महत्वपूर्ण भूमिका देने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बंधन मुक्त शिक्षा का अभूतपूर्व अवसर दिया है। प्रधानमंत्री मोदी आगामी 13-14 जनवरी को देश के 3 हजार युवाओं के साथ संवाद करेंगे। राज्यपाल पटेल ने कार्यक्रम को देखने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा है कि वैचारिक चिंतन में सहभागिता से नए विषयों और कार्यों के संबंध में जानकारी मिलती है। भविष्य के पथ का प्रदर्शन होता है। ‘कम्प्यूटर एक परिचय’ पुस्तक के लेखक श्री संतोष चौबे की सराहना करते हुए उनके स्वस्थ और सुदीर्घ जीवन की शुभकामनाएं दी।

राज्यपाल पटेल का रवीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संतोष चौबे ने शॉल, श्रीफल, स्मृति चिन्ह और आईसेक्ट पब्लिकेशन के विज्ञान लेखन की पुस्तकों और भारतीय वैज्ञानिकों के मोनोग्राफ का सेट भेंट किया।

मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष भरत शरण सिंह ने भारतीय ज्ञान परम्परा में कम्प्यूटर के सिद्धांतों की उपलब्धता और कम्प्यूटर निर्माण में भारतीय वैज्ञानिकों के योगदान को प्रकाशित किया। कम्प्यूटर एक परिचय पुस्तक की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पुस्तक ने भारतीय भाषाओं में डिजिटल साक्षरता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने पुस्तक की रचना के लिए लेखक को बधाई दी।

रवीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संतोष चौबे ने पुस्तक की रचना की पृष्ठ भूमि और विकास का विवरण देते हुए बताया कि देश में तकनीक का विकास भारतीय भाषाओं के माध्यम से ही सम्भव है। संस्था द्वारा 6 विश्वविद्यालय संचालित किए जा रहे है। संस्थान उत्तरपूर्व में 7वें विश्वविद्यालय की स्थापना की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि तकनीक के नवाचार और समाज के साथ जुड़ाव के द्वारा हर क्षेत्र में विकास की अपार सम्भावनाएं है। इसका उदाहरण देते हुए बताया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता से किताब का लेखन किया जा सकता है, किन्तु किस विषय और भाषा पर पुस्तक लिखी जानी है, यह वास्तविक बुद्धिमत्ता से ही सम्भव है।

स्वागत उद्बोधन स्कोप ग्लोबल स्किल यूनिवर्सिटी के चान्सलर सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने दिया। उन्होंने बताया कि पुस्तक ने देश में कम्प्यूटर के प्रति लोगों के दृष्टिकोण में बदलाव और सोच को नई दिशा देने का कार्य किया है। पुस्तक के प्रकाशन के बाद संस्थान निर्माण के दुनियां में जो उदाहरण मिलते है, उसमें ‘कम्प्यूटर एक परिचय’ पुस्तक का भी स्थान है। पुस्तक की सफलता ने आईसेक्ट पब्लिकेशन को जन्म दिया। आभार प्रदर्शन रबीन्द्र नाथ टैगोर विश्वविद्याल के कुलसचिव विजय सिंह ने किया। संचालन विश्वविद्यालय की प्रो. चान्सलर डॉ. अदिति चतुर्वेदी ने किया।

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News & Image Source: mpinfo.org

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