केन्द्र सरकार ने कल उच्चतम न्यायालय में बताया कि उसने देशद्रोह पर भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए के प्रावधानों पर पुनर्विचार और फिर से जांच करने का फैसला किया है। उच्चतम न्यायालय इस संबंध में दायर याचिकाओं पर आज सुनवाई करेगा।
सरकार ने शीर्ष न्यायालय से आग्रह किया कि जब तक यह काम पूरा नहीं हो जाता, तब तक इससे संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई न की जाए।
गृह मंत्रालय ने शपथ पत्र में कहा है कि प्रधानमंत्री का मानना है कि इस समय देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, और ऐसे में यह आवश्यक है कि उपयोगिता खो चुके औपनिवेशिक कानूनों का बोझ कम करने के प्रयास किए जाएं।
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