मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सरकार ने कहा है कि देश का लक्ष्य 2030 तक 30 करोड़ टन और 2047 तक 50 करोड़ टन इस्पात क्षमता हासिल करना है। इस्पात मंत्रालय में सचिव संदीप पुंडरीक ने आज नई दिल्ली में सी आई आई इस्पात सम्मेलन 2025 के उद्घाटन सत्र में यह बात कही। श्री पुंडरीक ने इस्पात उद्योग को राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ और विकसित भारत के दृष्टिकोण को पूरा करने में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बताया।
सचिव ने बताया कि मजबूत आधारभूत ढांचे के विकास और घरेलू मांग में बढ़ोतरी से एक दशक पहले के दस करोड़ मिलियन टन से बढ़कर अब यह क्षमता 20 करोड़ मिलियन टन हो गई है। उन्होंने कहा कि इस्पात क्षेत्र में इस वर्ष की पहली छमाही में 8.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। श्री पुंडरीक ने बताया कि 2024-25 में बढ़कर 15 करोड़ 20 लाख टन हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार कार्बन उत्सर्जन कम करने, प्रतिस्पर्धी इस्पात पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए सतत इस्पात पर राष्ट्रीय मिशन के तहत हरित और हाइड्रोजन आधारित इस्पात प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा दे रही है।
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News & Image Source: newsonair.gov.in



