मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, वैश्विक आतंकवाद वित्तपोषण निगरानी संस्था, वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) ने कहा है कि भारत में आतंकवादी हमले के लिए सामग्री की खरीद में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया गया है। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा और उत्तर प्रदेश के गोरखनाथ मंदिर में हुए आतंकवादी हमलों के सिलसिले में यह बात सामने आई।
एफएटीएफ ने आतंकवादी वित्तपोषण जोखिमों पर एक व्यापक अद्यतन रिपोर्ट में कहा कि सोशल मीडिया, मैसेजिंग एप्लिकेशन और क्राउडफंडिंग साइट जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म का आतंकवादी वित्तपोषण के लिए तेजी से दुरुपयोग किया जा रहा है। प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता, रसद और सामग्री सहायता, या प्रशिक्षण के प्रावधान सहित अनेक प्रकार से आतंकवाद को मदद दी जा रही है।
2019 में पुलवामा हमले में, भारतीय सुरक्षा बलों के एक काफिले को निशाना बनाकर एक आत्मघाती बम विस्फोट किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप चालीस सैनिक शहीद हो गए थे। भारतीय अधिकारियों ने जांच के बाद निष्कर्ष निकाला कि हमले की साजिश जैश-ए-मोहम्मद ने रची थी। जांच से पता चला कि भारत में बड़ी मात्रा में विस्फोटक सीमा पार से लाए गए थे। हमले में इस्तेमाल किए गए विस्फोटक उपकरण का एक प्रमुख घटक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से खरीदा गया था।
इस साल जून में वित्तीय कार्रवाई कार्य बल ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करते हुए कहा था कि यह हमला बिना वित्तीय मदद के नहीं हो सकता। वैश्विक निगरानी संस्था ने कहा कि पहलगाम हमला और हाल के अन्य हमले पैसे और आतंकवादियों के समर्थकों के बीच धन के लेन-देन के बिना नहीं हो सकते।
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News & Image Source: newsonair.gov.in



