देश ने 50 हजार से अधिक गांवों को खुले में शौच मुक्त-ओडीएफ प्लस बनाने की उपलब्धि हासिल कर ली है। तेलंगाना में सर्वाधिक 13 हजार 960 से अधिक गांव ओडीएफ प्लस हैं। इसके बाद तमिलनाडु और मध्य प्रदेश में ओडीएफ प्लस गांवों की संख्या सबसे अधिक है। ओडीएफ प्लस वह गांव होते हैं जो खुले में शौच मुक्त होने के साथ-साथ ठोस और तरल कचरे का प्रभावी ढंग से प्रबंधन भी करते हों। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण का द्वितीय चरण फरवरी 2020 में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य देश के सभी गांवों को वर्ष 2024 के अंत तक खुले में शौच मुक्त करना है।
जल शक्ति मंत्रालय ने कहा है कि खुले में शौच मुक्त बनाने के मिशन में गोबरधन योजना, धूसर जल यानि ग्रे वाटर प्रबंधन, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन और बायोडिग्रेडेबल अपशिष्ट प्रबंधन सहित कई घटक हैं। मंत्रालय ने कहा है कि खुले में शौच मुक्त गांवों की प्रगति दर्शाने के लिए उन्हें आकांक्षी, अग्रसर और आदर्श तीन श्रेणियों में बांटा गया है। इस वर्गीकरण ने स्वस्थ प्रतिस्पर्धी भावना पैदा की है और संपूर्ण स्वच्छता को तेजी से लागू करने के लिए लोगों की भागीदारी बढ़ी है। मंत्रालय ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में, 22 हजार ग्राम पंचायतों के एक करोड़ से अधिक लोगों ने विभिन्न स्वच्छता गतिविधियों में भाग लिया।
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