UPSC द्वारा मंगलवार को सिविल सेवा परीक्षा 2022 के नतीजों की घोषणा की गयी। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस परीक्षा में में शीर्ष चार में लड़कियां ही रहीं हैं। शीर्ष चार में स्थान प्राप्त करने वालों में इशिता किशोर, गरिमा लोहिया, उमा हरति एन. और स्मृति मिश्रा रहीं। वहीं मैनपुरी के दिव्यांग सूरज तिवारी ने यूपीएससी में परचम लहराया है। सूरज तिवारी का जीवन काफी संघर्ष भरा रहा है। दरअसल, सूरज तिवारी 2017 में एक ट्रेन दुर्घटना के शिकार हो गए थे, जिसके बाद वो दिव्यांग हो गए। सूरज के न पैर हैं और न एक हाथ है। जबकि दूसरे हाथ में केवल तीन उंगलियां हैं। उनके पिताजी टेलर का काम करते हैं। सूरज तिवारी का परिवार मैनपुरी के कुरावली कस्बे का रहने वाला है। पिता का नाम राकेश तिवारी है, जो सिलाई की दुकान पर कपड़े सिलते हैं।
मीडिया सूत्रों की माने तो, यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के नतीजे ने कई स्टूडेंट्स और उनके परिजनों पर मुस्कान लाने का काम किया है। इसमें कई अभ्यर्थी ऐसे हैं जिन्होंने कई मुश्किलों का सामना करते हुए मंजिल पाई है। इनमें से ही एक हैं उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के कुरावली कस्बे के रहने वाले सूरज तिवारी। सूरज एक मध्यम वर्गीय परिवार से आते हैं। उनके पिता दर्जी का काम करते हैं। सूरज यूपीएससी परीक्षा पहले अटेम्पट में पास की है। उन्हें 917 रैंक मिली है।
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