माननीय उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ आज नई दिल्ली में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के 37वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए।
मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, माननीय उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 37वें दीक्षांत समारोह को संबोधित भी किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, दोस्तों, आप एक रोमांचक समय में वयस्कता में कदम रखने के लिए भाग्यशाली हैं – हमारा अमृतकाल, जहां सभी प्रकार की आशा और संभावनाएं हैं। यहां एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र मौजूद है, जो आपकी प्रतिभा को तलाशने और आपकी आकांक्षाओं को साकार करने के लिए उपयुक्त है। शासन, जो कभी छाया में छिपा रहता था, अब पारदर्शिता और जवाबदेही को अपना रहा है। भ्रष्टाचार एक समय व्यवस्था का अभिशाप था, अब कानून के शासन की जगह ले चुका है। अब बिना किसी अपवाद के सभी लोग कानून के समक्ष जवाबदेही के अधीन हैं। इन सबने आपकी आकांक्षाओं को वास्तव में उड़ान भरने और सपनों को फलीभूत होने का मार्ग प्रशस्त किया है। हमारी ताकत मात्र संख्या से कहीं अधिक है। यह सामूहिक कार्रवाई की शक्ति में निहित है। अब हम अपनी संयुक्त क्षमता का प्रदर्शन करते हुए क्रय शक्ति के मामले में तीसरी सबसे बड़ी शक्ति हैं।
उन्होंने आगे कहा, इस बात पर विचार करें और गर्व करें कि वास्तव में हमारा भारत इतना खास क्यों है। हम 5000 वर्षों से अधिक की सभ्यतागत विरासत, ज्ञान और विवेक की एक समृद्ध टेपेस्ट्री के साथ खड़े हैं जो हमारे वर्तमान का मार्गदर्शन करती है और हमारे भविष्य को आकार देती है। हम दुनिया में सबसे बड़े और सबसे कार्यात्मक लोकतंत्र हैं, जो समावेशिता और भागीदारी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करते हैं।
Hon'ble Vice-President, Shri Jagdeep Dhankhar presided over the 37th convocation of Indira Gandhi National Open University (IGNOU) in New Delhi today. @OfficialIGNOU pic.twitter.com/Lfd0axw5jS
— Vice President of India (@VPIndia) February 20, 2024
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