मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय सतत तटीय प्रबंधन केंद्र (एनसीएससीएम) की तीसरी आम सभा (जीबी) बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने केंद्र के अध्यक्ष के रूप में बैठक का नेतृत्व किया। विचार-विमर्श के इस सत्र में मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और आम सभा के सदस्य भी सम्मिलित हुए। इस बैठक में तटीय और समुद्री अनुसंधान तथा प्रबंधन के क्षेत्र के विशेषज्ञों और जाने-माने वैज्ञानिकों ने भी भाग लिया। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने तटीय पारिस्थितिकी तंत्र के आकलन, जलवायु अनुकूलन और समुद्री प्राकृतिक आवासों के पुनर्स्थापन के क्षेत्रों में एनसीएससीएम के वैज्ञानिक योगदानों की समीक्षा की। बैठक में एनसीएससीएम ने संरक्षण से लेकर आजीविका, प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, द्वीपीय स्थिति, भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी, तटीय प्रक्रियाओं, समुद्र तटीय स्थानिक योजनाओं और एकीकृत तटीय क्षेत्र प्रबंधन जैसे प्रमुख विषयगत क्षेत्रों में अपनी उपलब्धियों पर प्रस्तुति दी।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, आम सभा (जीबी) ने संस्थागत क्षमताओं को मजबूत करने सहित कार्यक्रमों में वैज्ञानिक प्रयासों को सुदृढ़ करने और तटीय क्षेत्रों में रहने वाले समुदायों और पारंपरिक ज्ञानवान लोगों के साथ सहयोगपूर्ण सहभागिता का विस्तार करने के निर्देश दिए। एनसीएससीएम को यह सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया गया कि उसके अनुसंधान और क्षमता-निर्माण पहलों में विज्ञान–नीति–समुदाय के एकीकरण को और गहरा किया जाए। जीबी ने यह भी निर्देश दिया कि एनसीएससीएम के विज़न दस्तावेज़ को विकसित भारत 2047 की थीम के अनुरूप अंतिम रूप दिया जाए। जीबी ने तटवर्ती क्षेत्रों और समुद्री क्षेत्रों में उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए वैज्ञानिक काडर की क्षमता को सुदृढ़ करने के निर्देश दिए, जिसमें महत्वपूर्ण वैज्ञानिक पदों पर नियुक्तियाँ और नई प्रतिभाओं को आगे लाना शामिल है। भर्ती नियमों से संबंधित एचआर नीति पर भी चर्चा की गई और इसे शीघ्र ही अंतिम रूप देने के भी निर्देश दिए गए। बैठक में वैज्ञानिक अधिगम और क्षेत्र-आधारित अनुसंधान में रुचि बढ़ाने के लिए इको-क्लबों, स्थानीय संस्थानों और विश्वविद्यालयों की सहभागिता बढ़ाने के महत्व को भी रेखांकित किया गया। एनसीएससीएम की प्रयोगशालाओं को नेशनल एक्रिडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेट्रीज़ (एनएबीएल), नेशनल एक्रिडिटेशन बोर्ड फॉर एजुकेशन एंड ट्रेनिंग (एनएबीटी)—के साथ-साथ सीपीसीबी और एईआरबी जैसी भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूसीआई) की मान्यताओं की स्थिति को भी आम सभा (जीबी के समक्ष प्रस्तुत किया गया। राष्ट्रीय तटीय मिशन 2.0 के क्रियान्वयन के लिए एनसीएससीएम एक प्रमुख कार्यान्वयन साझेदार है। बैठक में जानकारी दी गई कि एनसीएससीएम, विभिन्न राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं सहित अन्य संगठनों के साथ अनेक शोध और परामर्श परियोजनाओं में संलग्न है। इसने 79 सीआरज़ेड और तटीय क्षेत्र प्रबंधन परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूर्ण कर लिया है और वर्तमान में 291 परियोजनाओं पर कार्य कर रहा है।
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