नई दिल्ली : पीएम मोदी ने ‘कर्तव्य पथ’ का किया उद्घाटन, सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा का भी अनावरण किया गया

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नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली में ‘कर्तव्य पथ’ का उद्घाटन किया। इसके साथ ही उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण कर पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि, “आज के इस ऐतिहासिक कार्यक्रम पर पूरे देश की दृष्टि है। सभी देशवासी इस समय, इस कार्यक्रम से जुड़े हुए हैं। मैं इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बन रहे सभी देशवासियों का हृदय से स्वागत करता हूं, अभिनंदन करता हूं। उन्होंने कहा कि, आजादी के अमृत महोत्सव में, देश को आज एक नई प्रेरणा मिली है, नई ऊर्जा मिली है। आज हम गुजरे हुए कल को छोड़कर, आने वाले कल की तस्वीर में नए रंग भर रहे हैं। आज जो हर तरफ ये नई आभा दिख रही है, वो नए भारत के आत्मविश्वास की आभा है।

पीएम मोदी ने कहा कि, अगर राजपथ का अस्तित्व समाप्त होकर कर्तव्यपथ बना है, अगर जॉर्ज पंचम की मूर्ति के निशान को हटाकर नेताजी की मूर्ति लगी है, तो ये गुलामी की मानसिकता के परित्याग का पहला उदाहरण नहीं है। ये न शुरुआत है, न अंत है। उन्होंने आगे कहा कि, गुलामी का प्रतीक किंग्सवे यानि राजपथ, आज से इतिहास की बात हो गया है, हमेशा के लिए मिट गया है। आज कर्तव्य पथ के रूप में नए इतिहास का सृजन हुआ है। मैं सभी देशवासियों को आजादी के इस अमृतकाल में, गुलामी की एक और पहचान से मुक्ति के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि, कर्तव्य पथ केवल ईंट-पत्थरों का रास्ता भर नहीं है। ये भारत के लोकतांत्रिक अतीत और सर्वकालिक आदर्शों का जीवंत मार्ग है। मैं देश के हर एक नागरिक का आह्वान करता हूँ, आप सभी को आमंत्रण देता हूँ… आइये, इस नवनिर्मित कर्तव्यपथ को आकर देखिए। इस निर्माण में आपको भविष्य का भारत नज़र आएगा। यहाँ की ऊर्जा आपको हमारे विराट राष्ट्र के लिए एक नया विज़न देगी, एक नया विश्वास देगी। उन्होंने आगे कहा कि,आज के इस अवसर पर, मैं अपने उन श्रमिक साथियों का विशेष आभार व्यक्त करना चाहता हूं, जिन्होंने कर्तव्यपथ को केवल बनाया ही नहीं है, बल्कि अपने श्रम की पराकाष्ठा से देश को कर्तव्य पथ दिखाया भी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘कर्तव्य पथ’ के निर्माण में योगदान देने वाले कर्मियों से आत्मीय मुलाकात की।

पीएम मोदी ने बताया कि, आज इंडिया गेट के समीप हमारे राष्ट्रनायक नेताजी सुभाषचंद्र बोस की विशाल मूर्ति भी स्थापित हुई है। गुलामी के समय यहां ब्रिटिश राजसत्ता के प्रतिनिधि की प्रतिमा लगी हुई थी। आज देश ने उसी स्थान पर नेताजी की मूर्ति की स्थापना करके आधुनिक, सशक्त भारत की प्राण प्रतिष्ठा भी कर दी है। उन्होंने आगे बताया कि, सुभाषचंद्र बोस ऐसे महामानव थे, जो पद और संसाधनों की चुनौती से परे थे। उनकी स्वीकार्यता ऐसी थी कि, पूरा विश्व उन्हें नेता मानता था। उनमें साहस था, स्वाभिमान था। उनके पास विचार थे, विजन था। उनमें नेतृत्व की क्षमता थी, नीतियां थीं। उन्होंने कहा कि, अगर आजादी के बाद हमारा भारत सुभाष बाबू की राह पर चला होता तो आज देश कितनी ऊंचाइयों पर होता! लेकिन दुर्भाग्य से, आजादी के बाद हमारे इस महानायक को भुला दिया गया। उनके विचारों को, उनसे जुड़े प्रतीकों तक को नजरअंदाज कर दिया गया।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि, पिछले 8 वर्षों में लिए गए हर निर्णय में, नेताजी के आदर्शों और सपनों की छाप है। हमारी ही सरकार ने लाल किले में नेताजी और आजाद हिंद फौज से जुड़ा म्यूजियम भी बनाया है। उन्होंने कहा कि, नेता जी कल्पना की थी कि लाल किले पर तिरंगा फहराने की क्या अनुभूति होगी। इस अनुभूति का साक्षात्कार मैंने स्वयं किया, जब मुझे आजाद हिंद सरकार के 75 वर्ष होने पर लाल किले पर तिरंगा फहराने का सौभाग्य मिला।”

News & Image Source : (Twitter) @BJP4India

 

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