मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत और त्रि-सेवा गार्ड ऑफ ऑनर प्राप्त करने के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने राष्ट्रीय राजधानी स्थित राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने राष्ट्रपिता के स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित किया, पुष्पांजलि दी और विजिटर्स बुक पर हस्ताक्षर किए, जहां विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह भी उनके साथ मौजूद रहे। पुतिन चार साल बाद पहली बार भारत की राजकीय यात्रा पर पहुंचे हैं और अपने इस दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, राष्ट्रपति पुतिन के राजघाट पहुंचने से पहले राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका स्वागत किया, जहां भारतीय और रूसी राष्ट्रगान की गूंज के बीच उन्हें त्रि-सेवा गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया। इस अवसर पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर, दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना, सीडीएस जनरल अनिल चौहान सहित अनेक गणमान्य उपस्थित रहे और दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों का परस्पर परिचय कराया गया, जिसमें रूस की ओर से रक्षा मंत्री आंद्रे बेलोउसॉव और क्रेमलिन के वरिष्ठ सहयोगी दिमित्री पेस्कोव भी शामिल थे। दिसंबर 2021 के बाद पहली बार दोनों नेता दिल्ली में आमने-सामने शिखरवार्ता के लिए मंच साझा कर रहे हैं। पुतिन के गुरुवार को पालम हवाई अड्डे पर पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी प्रोटोकॉल तोड़कर स्वयं रनवे पर गए और गले लगाकर उनका स्वागत किया। बाद में दोनों नेता एक ही कार से लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री आवास पहुंचे, जहां प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें पवित्र भगवद गीता की प्रति भेंट की और सोशल मीडिया पर इसे दोनों नेताओं के ‘समय की कसौटी पर खरे उतरे मित्रतापूर्ण संबंध’ का प्रतीक बताया।
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