उच्चतम न्यायालय ने धन शोधन मामले में महाराष्ट्र के मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता नवाब मलिक की जमानत याचिका खारिज कर दी है। न्यायमूर्ति डी.वाई. चन्द्रचूड़ और सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि जांच अभी शुरुआती चरण में है। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह बॉम्बे उच्च न्यायालय के 15 मार्च के आदेश में हस्तक्षेप नहीं करेगी, लेकिन नवाब मलिक कानून के अंतर्गत उपलब्ध अन्य उपायों का उपयोग कर सकते हैं। मलिक की पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें वर्ष 2022 में एक ऐसे मामले में गिरफ्तार किया है, जो वर्ष 1999 का है।
मुम्बई की एक विशेष अदालत ने धनशोधन और आतंकवाद के लिए धन उपलब्ध कराने के मामले में नवाब मलिक की न्यायिक हिरासत 6 मई तक बढ़ा दी है। प्रवर्तन निदेशालय ने धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत नवाब मलिक को 23 फरवरी को गिरफ्तार किया था।
मलिक को कल विशेष अदालत के न्यायाधीश आर.एन. रोकड़े के समक्ष पेश किया गया। निदेशालय ने आतंकवाद के लिए धन उपलब्ध कराने के मामले में मलिक के खिलाफ आरोप पत्र बृहस्पतिवार को दायर किया था।
गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत प्रवर्तन निदेशालय का मुकदमा राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण द्वारा वैश्विक आतंकवादी और 1993 के मुम्बई बम विस्फोटों के मुख्य आरोपी दाऊद इब्राहिम के खिलाफ हाल में दायर प्राथमिकी के आधार पर है। प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया है कि नवाब मलिक आतंकी गतिविधियों के लिए धन उपलब्ध कराने में सक्रियता से शामिल थे।
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