पूर्व मुख्य संसदीय सचिव टेक चंद डोगरा का शनिवार सुबह नौ बजे निधन हो गया। मिली जानकारी के अनुसार, उन्हाेंने छातर स्थित अपने घर में अंतिम सांस ली। वह काफी समय से बीमार चल रहे थे। वह 77 साल के थे। उनके निधन से नाचन विधानसभा क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है।
सूत्रों के मुताबिक, टेक चंद डोगरा पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह के सिपहसालार थे। उनका राजनीतिक जीवन उतार चढ़ाव भरा रहा। वह चार बार नाचन हलके के विधायक रहे। 1985 से 2012 तक विधानसभा के सात चुनाव लड़े। चार चुनाव में विजयी रहे, तीन में हार का सामना करना पड़ा था। उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत कला अध्यापक के पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के बाद 1985 से की थी। कांग्रेस के टिकट पर पहला चुनाव लड़ा था और जीत कर विधानसभा पहुंचे थे।
जानकारी के अनुसार, 1990 में दूसरे चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। उन्हेंं वीरभद्र सिंह का हनुमान कहा जाता था। 1993 के चुनाव में इसके चलते पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. सुखराम ने उनका टिकट कटवा अपने समर्थक सोहन लाल को दिया था। टेक चंद डोगरा ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। कांग्रेस व भाजपा के प्रत्याशी को शिकस्त देकर दूसरी बार विधायक बने थे। 1998 में कांग्रेस में वापसी के साथ विधानसभा का तीसरा चुनाव लड़ा और विजयी रहे थे। 2003 में चौथी बार विधायक निर्वाचित हुए थे। इस दौरान वीरभद्र सिंह ने उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया था। लेकिन हाईकोर्ट के निर्णय से कुर्सी गवांनी पड़ी थी। इसके बाद उनका राजनीतिक सफर संकट में पड़ गया।
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