नीदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रुटे ने गठबंधन सरकार में प्रवासन नीति पर सहमति न बनने के कारण इस्तीफा देने की घोषणा की। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, उन्होंने कहा कि प्रवासन नीति पर गठबंधन दलों के बीच मतभेदों के बाद डच सरकार गिर गई। रुटे ने अपने मंत्रिमंडल के इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा कि यह निर्णय हमारे लिए बहुत कठिन था। उन्होंने कहा कि गठबंधन सहयोगियों के बीच विचारों में मतभेद को खत्म नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सभी पक्षों ने समाधान खोजने के लिए काफी प्रयास किए, लेकिन दुर्भाग्य से प्रवासन नीति पर मतभेदों को दूर करना असंभव है। बता दें कि शुक्रवार को रुटे की अध्यक्षता में हुई संकट वार्ता में चार सहयोगी दल सहमति नहीं बना सके। रुटे के नेतृत्व में गठबंधन सरकार का गठन डेढ़ साल पहले हुआ था, लेकिन पिछले कुछ समय से प्रवासन नीति पर सरकार में शामिल दलों के बीच मतभेद सामने आ रहा था।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, मार्क रुटे प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद नीदरलैंड आम चुनावों की तरफ जाने के लिए तैयार है। माना जा रहा है कि इस साल के अंत तक संसद की 150 सीटों वाले निचले सदन के लिए मतदान हो सकता है। निवर्तमान प्रधानमंत्री ने किंग विलेम अलेक्जेंडर को अपने और सभी मंत्रियों के साथ राज्य सचिवों के इस्तीफे की पेशकश की। रिपोर्ट के मुताबिक, मार्क रुटे शनिवार को किंग अलेक्जेंडर से मिलेंगे और यह समझाएंगे कि आखिर उन्होंने किन कारणों की वजह से इतना बड़ा कदम उठाया। उन्होंने कहा कि अगर आप लोगों से पूछें तो यूक्रेन में युद्ध के अलावा प्रवासन नीति एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और हमें लगता है कि इसे नियंत्रित करना महत्वपूर्ण है। उल्लेखनीय है कि मार्क रुटे के नेतृत्व में गठबंधन सरकार का गठन जनवरी 2022 में हुआ था, लेकिन कुछ वक्त बाद गठबंधन सहयोगियों के बीच प्रवासन नीति को लेकर मतभेद उभरने लगे थे और अंतत: मार्क रुट ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे दे दिया है।
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