मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, नेपाल की अंतरिम सरकार की कैबिनेट बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री और यूएमएल अध्यक्ष केपी शर्मा ओली और चार अन्य पर यात्रा प्रतिबंध लगाया गया है। यह फैसला तब लिया गया जब जेन जी आंदोलन के दमन की जांच शुरू कर दी गई है। यात्रा प्रतिबंध में विदेश यात्रा और अधिकारियों की पूर्व अनुमति के बिना काठमांडू छोड़ने पर प्रतिबंध शामिल है। विदेश यात्रा और काठमांडू छोड़ने पर रोक लगाने की सिफारिश की गई सूची में पूर्व गृह मंत्री रमेश लेखक, गृह सचिव गोकर्ण मणि दुवादी, राष्ट्रीय जांच विभाग के तत्कालीन प्रमुख हुतराज थापा और काठमांडू के पूर्व सीडीओ छवि राज रिजाल शामिल हैं।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, दरअसल, पूर्व न्यायाधीश गौरी बहादुर कार्की के नेतृत्व में पिछले सप्ताह गठित जांच समिति ने सिफारिश की थी कि कैबिनेट इन नामों पर प्रतिबंध लगाए। यह सिफारिश आठ और नौ सितंबर की घटनाओं की जांच कर रहे आयोग की ओर से आई थी, जिनकी जांच अब भी चल रही है। सरकार को सलाह दी गई थी कि उनकी विदेश यात्रा पर रोक लगाई जाए और जब भी बुलाया जाए, आयोग के समक्ष उनकी उपस्थिति अनिवार्य की जाए। इन लोगों पर जेन जी विरोध प्रदर्शनों के दौरान अत्यधिक दमन का आरोप है, जिसके परिणामस्वरूप 74 लोगों की मौत हो गई थी। फिलहाल, पूर्व मुख्य जिला अधिकारी और अन्य अधिकारियों का ठिकाना अज्ञात है, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली 27 सितंबर को भक्तपुर में एक पार्टी कार्यक्रम में सार्वजनिक रूप से दिखाई दिए। उस दौरान उन्होंने कहा था कि वह देश छोड़कर कहीं नहीं जाने वाले।
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