मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पंद्रह दिसंबर तक कामर्शियल फ्लाइट का ट्रायल पूरा हो जाएगा। अप्रैल से यात्री नोएडा इंटरनेशनल पोर्ट से देश विदेश के लिए उड़ान सेवा का उपयोग शुरू कर देंगे। रनवे और एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर का काम पूरा हो चुका है। आधुनिक तकनीकी से युक्त नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट भारतीय संस्कृति के साथ डिजिटल यात्रा का अनुभव कराने के लिए अंतिम पड़ाव में है। एयरपोर्ट पर दृश्यता कम होने के बावजूद विमान लैंड व उड़ान भरने की क्षमता होगी। देश में सबसे तेजी से विकसित होने के साथ नया भूमि अधिग्रहण कानून लागू होने के बाद सबसे बड़ा भूमि अधिग्रहण का रिकार्ड नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नाम दर्ज होगा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 नवंबर 2021 को किया था। निर्माण एजेंसी टाटा प्रोजेक्ट्स के चयन के बाद मई-जून 2022 में ही एयरपोर्ट का निर्माण वास्तव में तेजी के साथ धरातल पर शुरू हुआ। अप्रैल 2025 तक करीब तीन साल से कम समय में एयरपोर्ट से नियमित यात्री उड़ान के साथ सबसे तेजी से विकसित होने वाले एयरपोर्ट के रूप में इसका नाम दर्ज हो जाएगा। एयरपोर्ट पर अप्रैल में शुरुआत से साठ घरेलू विमान सेवा होंगी। इंडिगो, अकासा के साथ इसके लिए अनुबंध हो चुका है। घरेलू सेवा में लखनऊ, अहमदाबाद, वाराणसी, चेन्नई, जयपुर, हैदराबाद, मुंबई, आदि प्रमुख शहरों के लिए विमान सेवा होगी। ज्यूरिख, सिंगापुर और दुबई के लिए अंतरराष्ट्रीय उड़ान के साथ दो कार्गो सेवा शुरू होगी।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट देश में सबसे बड़ा होगा। एयरपोर्ट के लिए यीडा अधिसूचित क्षेत्र में 62 सौ हेक्टेयर से अधिक भूमि आरक्षित है। पहले चरण में 1334 हेक्टेयर में एयरपोर्ट दो रनवे के साथ विकसित किया जा रहा है। अप्रैल में एक रनवे के साथ इसकी शुरुआत होगी। यात्रियों की सालाना संख्या 1.20 करोड़ पहुंचने पर दूसरे रनवे का निर्माण शुरू हो जाएगा। पहले चरण पूरा होने पर इसकी निर्माण लागत करीब छह हजार करोड़ रुपये होगी। एयरपोर्ट के विस्तार में एमआरओ के साथ एक रनवे बनेगा। यात्रियों की संख्या के साथ इसका विस्तार छह रनवे तक होगा। दस एयरो ब्रिज 25 पार्किंग स्टैंड होंगे। देश में छह कैट तीन एयरपोर्ट के बाद सातवां नोएडा इंटरनेशनल एयरपाेर्ट होगा। दृश्यता कम होने पर भी विमान इस एयरपोर्ट के रनवे पर लैंडिंग एवं उड़ान भर सकेंगे। 3900 मी लंबे और साठ मीटर चौड़े रनवे का सौ प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर तकनीकी की भरपूर इस्तेमाल किया गया है। यात्रियों का डिजिटल यात्रा का अनुभव मिलेगा। एयरपोर्ट पूरी तरह से पेपरलैस होगा। यात्री डिजिटल टिकट के जरिये यात्रा कर सकेंगे। क्यूआर कोड स्कैन कर चेक इन की सुविधा होगी। शून्य कार्बन उत्सर्जन एयरपोर्ट के लिए प्राकृतिक रोशनी, वायु, उपयोग हो चुके पानी को रिसाइकिल किया जाएगा। एयरपोर्ट परिसर में ई वाहन का ही संचालन होगा। एयरपोर्ट की पचास प्रतिशत बिजली खपत को वायु एवं सौर ऊर्जा से पूरा किया जाएगा। इसके लिए टाटा ग्रुप के साथ अनुबंध हो चुका है। एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डिंग के डिजायन में भारतीय संस्कृति को केंद्र में रखा गया है। सीढ़ियां बनारस के घाट और छत गंगा नदी की लहरों से प्रेरित हैं। प्राचीन वास्तुकला में हवेलियों से प्रेरित प्रांगण और हवादार बनाने के लिए खिड़कियों को जालीदार बनाया गया है। एयरपोर्ट में केवल टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण कार्य ही शुरू है। सिविल कार्य के बाद आंतरिक साज सज्जा शुरू होगी। इसमें भी भारतीय संस्कृति की झलक होगी। एयरपोर्ट परिसर में यात्रियों के लिए पांच सितारा होटल का निर्माण हो रहा है।
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