मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भारतीय नौसेना सुरक्षित हिंद महासागर क्षेत्र सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत एक महान शक्ति बनने की राह पर है। महान शक्ति बनने के साथ-साथ बड़ी जिम्मेदारी भी आती है। यह कहना है कि नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार का। उन्होंने पिछले 100 दिनों में नौसेना द्वारा की गई समुद्री डकैती विरोधी अभियानों का हवाला देते हुए कहा कि हमने समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समुद्री डकैती रोधी, मिसाइल रोधी और ड्रोन रोधी अभियान चलाए हैं। हमने ऑपरेशन संकल्प से 110 लोगों, जिसमें 45 भारतीय और 65 विदेशी नागरिकों की जान बचाई है।
मीडिया मिली जानकारी के अनुसार, नौसेना ने बताया कि एक दिन पहले सोमालिया के तट पर एक ऑपरेशन के दौरान पकड़ाए 35 समुद्री लुटेरों को लेकर आईएनएस कोलकाता मुंबई पहुंचा है। समुद्री लुटेरों के खिलाफ भारतीय कानून, समुद्री डकैती विरोधी अधिनियम- 2022 के तहत कार्रवाई की जाएगी। सभी आरोपियों को आगे की कार्रवाई के लिए मुंबई पुलिस को सौंप दिया गया है। बता दें, एंटी पाइरेसी ऑपरेशन के तहत नौसेना ने भारतीय तटों से 2600 किलोमीटर दूर समुद्री डाकुओं के खिलाफ कार्रवाई की और उन्हें आत्मसमर्पण करने को मजबूर कर दिया था। करीब 40 घंटे चले ऑपरेशन में नौसेना के आईएनएस कोलकाता और आईएनएस सुभद्रा युद्धपोत, ड्रोन्स और मरीन कमांडो शामिल हुए थे। एडमिरल का कहना है कि पिछले 10 वर्षों में यह भारत का सबसे बड़ा ऑपरेशन था, जिसमें हमने 35 लुटेरों को पकड़ा है।
जानकारी के लिए बता दे, राजधानी नई दिल्ली में स्थित नौसेना भवन में शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए एडमिरल कुमार ने कहा कि हूती विद्रोहियों ने अब तक किसी भी भारतीय ध्वज वाले जहाज को निशाना नहीं बनाया है। एक प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया गया कि नवंबर 2023 से लेकर अब तक 90 से अधिक समुद्री घटनाएं हुईं है, जिनमें 57 ड्रोन और मिसाइल हमले हैं तो वहीं, 39 समुद्र डकैती, अपहरण सहित अन्य गतिविधियां शामिल हैं।
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