पंजाब के नए एडवोकेट जनरल बने मनिंदरजीत सिंह बेदी

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पंजाब के नए एडवोकेट जनरल बने मनिंदरजीत सिंह बेदी

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पंजाब के महाधिवक्ता (एजी) गुरमिंदर सिंह गैरी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपनी निजी प्रैक्टिस में लौटने की इच्छा जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान को अपना त्यागपत्र सौंपा। सरकार ने उनके स्थान पर वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदरजीत सिंह बेदी को नया महाधिवक्ता नियुक्त किया है। बेदी ने शाम को ही अपना पदभाल भी संभाल लिया है। इसके साथ ही सरकार ने 215 कानून अधिकारियों को भी एक्सटेंशन दे दी है। इनका 31 मार्च को अनुबंध खत्म हो रहा था। सरकार ने अनु चैतरथ को सीनियर एडिशनल एजी भी नियुक्त किया है। गुरमिंदर सिंह ने अपने इस्तीफे में मुख्यमंत्री भगवंत मान का धन्यवाद किया और कहा कि उन्हें 18 महीनों तक राज्य के शीर्ष कानून अधिकारी के रूप में सेवा देने का अवसर मिला, जिसके लिए वह आभारी हैं। उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि वह अब अपनी निजी प्रैक्टिस फिर से शुरू करना चाहते हैं, इसलिए इस पद पर बने रहना उनके लिए संभव नहीं है। उन्होंने अनुरोध किया कि उनका इस्तीफा जल्द से जल्द राज्यपाल को स्वीकृति के लिए भेजा जाए।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, गौरतलब है कि गुरमिंदर सिंह ने 5 अक्टूबर 2023 में पंजाब के महाधिवक्ता का पद संभाला था और इस दौरान कई महत्वपूर्ण कानूनी लड़ाईयों में राज्य का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल द्वारा आमरण अनशन पर जाने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट लिए गए संज्ञान मामले में मुख्य सचिव और डीजीपी को अवमानना मामले में बचाने में अहम भूमिका निभाई। इसके अलावा, किसानों के खनौरी और शंभू बार्डर पर धरने से जुड़ी अवमानना याचिका को खारिज कराने में भी उनकी अहम भूमिका रही। रावि-ब्यास जल विवाद के 1987 के ट्रिब्यूनल की रिपोर्ट को दोबारा खुलवाने में भी उन्होंने बड़ी सफलता हासिल की, जिससे पंजाब को अधिक जल हिस्सेदारी का दावा करने का अवसर मिला। इसके चलते ट्रिब्यूनल ने जमीनी हालात का आकलन करने के लिए दौरा करने का आदेश दिया। उन्होंने पंचायत और नगर निकाय चुनावों के स्थगन को हटवाने में भी सफलता पाई। पराली जलाने के मुद्दे पर उन्होंने प्रभावी तरीके से पंजाब का पक्ष रखा और प्रदूषण के लिए सिर्फ पंजाब को जिम्मेदार ठहराने की धारणा को खारिज किया। उन्होंने तर्क दिया कि वायु प्रदूषण में वाहनों, उद्योगों और निर्माण कार्यों का भी अहम योगदान है। गुरमीत सिंह से जुड़े बेअदबी मामले में उनके दखल के बाद सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें ट्रायल रोकने के निर्देश दिए गए थे। गुरमिंदर सिंह के कार्यकाल में सरकार ने बाहरी वरिष्ठ वकीलों की नियुक्ति में कटौती की, जिससे राज्य के करोड़ों रुपये बचाए गए। उन्होंने महाधिवक्ता कार्यालय में लीगल मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया, फाइलों के डिजिटलीकरण की प्रक्रिया शुरू की और वर्षों से लंबित कर्मचारियों की पदोन्नति को भी पूरा किया। उनकी रणनीति के चलते सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब विधानसभा के अटके हुए बिलों के निपटारे के निर्देश भी दिए। अब सरकार ने मनिंदरजीत सिंह बेदी को नया महाधिवक्ता नियुक्त किया है। वह आप सरकार के तीन साल के कार्यकाल में चौथे एजी होंगे। बता दें अनमोल रतन सिद्धू, विनोद घई और गुरमिंदर सिंह गैरी समय-समय पर एजी पद से इस्तीफा दे चुके हैं।

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