पंजाब में बाढ़ का कहर: फ्लड गेट टूटा, आर्मी तैनात, हरियाणा रोडवेज ने बसें रोकी

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पठानकोट : मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पंजाब में बारिश और डैमों से लगातार छोड़े जा रहे पानी के कारण 7 जिले बाढ़ की मार झेल रहे हैं। बुधवार शाम रावी नदी में आए उफान के कारण पठानकोट में माधोपुर हेडवर्क्स का फ्लड गेट टूट गया। यहां 50 लोग फंस गए, जिन्हें निकालने के लिए आर्मी के हेलिकॉप्टर बुलाना पड़ा।

मंगलवार-बुधवार दरम्यानी रात अचानक पानी बढ़ने से गुरदासपुर के नवोदय स्कूल में 451 स्टूडेंट्स और टीचर फंस गए थे, जिनका रेस्क्यू कर लिया गया है। पठानकोट-जम्मू हाईवे के पास नहर टूटने से पानी हाईवे के ऊपर बहने लगा। संगरूर में मुख्यमंत्री भगवंत मान का पैतृक गांव सतौज भी पानी की चपेट में है।

CM भगवंत मान ने बुधवार को पठानकोट और गुरदासपुर के बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया। CM ने अपना हेलिकॉप्टर यहीं छोड़ दिया ताकि लोगों को बचाने में उसे इस्तेमाल किया जा सके। सीएम कार से वापस लौटे।

पंजाब सरकार ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में कर्मचारियों -अधिकारियों की छुट्टियां कैंसिल कर दी हैं। प्रदेश के सभी 23 जिलों में कंट्रोल रूम बनाए गए हैं। 30 अगस्त तक सभी स्कूल पहले ही बंद किए जा चुके हैं।

रावी-ब्यास और सतलुज नदी का जलस्तर बढ़ने से पठानकोट, गुरदासपुर, तरनतारन, होशियारपुर, कपूरथला, फिरोजपुर और फाजिल्का जिले के 150 से अधिक गांव डूब गए हैं। यहां NDRF, SDRF और सेना को रेस्क्यू में लगाया गया है। करतारपुर साहिब कॉरिडोर के साथ-साथ पाकिस्तान में करतारपुर साहिब गुरुद्वारा परिसर में पानी भर गया है।

जम्मू रीजन में भारी बारिश के बाद बिगड़े हालात को देखते हुए उत्तर रेलवे ने 45 ट्रेनें रद्द कर दी हैं। वहीं 25 से अधिक ट्रेनों को शॉर्ट-टर्मिनेट किया गया है। जम्मू-तवी, वैष्णो देवी कटरा, पठानकोट और दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हेल्प डेस्क बनाने के अलावा हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं।

मौसम विज्ञान केंद्र चंडीगढ़ ने कल प्रदेश में बारिश का कोई अलर्ट जारी नहीं किया है। लेकिन 5 जिलों पठानकोट, गुरदासपुर, होशियारपुर, रूपनगर और मोहाली में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। 29, 30 और 31 अगस्त को भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।

अटारी बॉर्डर जलमग्न, पाकिस्तानी पंजाब में 2 लाख लोग बेघर

बॉर्डर के इस पार भी बाढ़ है और उस पार भी. पंजाब से लेकर पाकिस्तानी पंजाब तक मानसून की बारिश ने हालात बेहाल कर दिए हैं. अटारी-वाघा बॉर्डर पूरी तरह जलमग्न हो गया है, जिससे आवाजाही थम गई है और सुरक्षा चिंताएं बढ़ गई हैं. भारत के गुरदासपुर, पठानकोट और तरनतारन जैसे जिलों से लेकर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत तक नदियां उफान पर हैं. धूसी बांध टूटने और करतारपुर कॉरिडोर के आसपास पानी भरने से कई गांव जलमग्न हो गए हैं, वहीं दोनों तरफ हजारों लोग बेघर होकर राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर हैं.

मानसून की बारिश ने भारत और पाकिस्तान, दोनों तरफ हालात बेहद खराब कर दिए हैं. वाघा बॉर्डर से आई तस्वीरों में पूरा इलाका पानी में डूबा नजर आ रहा है, जिससे सीमा पर आवाजाही ठप हो गई है और सुरक्षा एजेंसियों की चिंता भी बढ़ गई है.

डेरा बाबा नानक में कई गांव जलमग्न

पंजाब में गुरदासपुर जिले के सीमावर्ती इलाकों में रावी नदी का बहाव तेज हो जाने से डेरा बाबा नानक में श्री करतारपुर कॉरिडोर दर्शन स्थल पर बना धूसी बांध टूट गया. इसके बाद पूरे इलाके में पानी घुस गया और कई गांव जलमग्न हो गए. धूसी बांध टूटने से हजारों एकड़ कृषि भूमि भी पानी में डूब गई है. डेरा बाबा नानक शहर में घरों में पानी भर गया है और लोग प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं. वहीं संगरूर के तोलावाल गांव में भारी बारिश से कई घरों की छतें गिर गईं और तबाही का आलम साफ दिख रहा है.

पाकिस्तानी पंजाब में 2 लाख से अधिक लोग बेघर

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में भी हालात कमोबेश ऐसे ही हैं. न्यूज एजेंसी एपी की रिपोर्ट के अनुसार, 210,000 से अधिक लोग विस्थापित हो गए हैं. वहां बाढ़ और बारिश से गांव डूब रहे हैं और तेज बहाव का पानी भारतीय सीमा की ओर भी आ रहा है, जिससे सीमा से सटे इलाकों की स्थिति और खराब हो गई है. करतारपुर कॉरिडोर के पुल के नीचे तेज धारा में बहता पानी दोनों तरफ के लोगों के लिए खतरा बना हुआ है.

बाढ़ से निपटने के लिए सेना तैनात

पंजाब प्रांत में बाढ़ से पैदा हुई तबाही से निपटने के लिए पाकिस्तान सरकार ने बुधवार को औपचारिक तौर पर सेना को बुला लिया है. इसके लिए गृह मंत्रालय ने आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी किया. मुल्क का सबसे बड़ा प्रांत पंजाब इस वक्त भीषण बाढ़ का सामना कर रहा है. इस साल अब तक पाकिस्तान में मानसूनी बारिश और बाढ़ से 800 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. सेना के जवानों को सरगोधा, लाहौर, ओकारा, फैसलाबाद, सियालकोट, नारोवाल और कसूर जिलों में भी तैनात किया जाएगा.

 मौसमी बारिश 26 जून से शुरू हुई थी और अब तक देश के अलग-अलग हिस्सों में कम से कम आठ बार मानसूनी बारिश हो चुकी है. इनसे आई बाढ़ और लगातार बारिश के चलते अब तक 809 लोगों की मौत और 1,100 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं.

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News & Image Source: khabarmasala

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